गेहूं, चावल, चना समेत 7 कमोडिटी की फ्यूचर ट्रेडिंग पर बैन
नई दिल्ली
बाजार नियामक सेबी ने सोमवार को शेयर बाजारों को अगले आदेश तक गेहूं, कच्चे पाम तेल, मूंग और कुछ अन्य जिंसों में नए डेरिवेटिव अनुबंध शुरू नहीं करने का निर्देश दिया। .एक विज्ञप्ति के अनुसार ये निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। धान (गैर-बासमती), गेहूं, सोयाबीन, कच्चे पाम तेल और मूंग के लिए नए अनुबंधों की शुरूआत पर नियामक ने अगले आदेश तक रोक लगा दी है।
सूची में चना, और सरसों के बीज और इसके डेरिवेटिव भी शामिल हैं। इन जिंसों में डेरिवेटिव अनुबंधों को इस साल की शुरुआत में निलंबित कर दिया गया था।पहले से चल रहे अनुबंधों के संबंध में कोई भी नया सौदा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और केवल सौदे को पूरा करने की अनुमति होगी। बयान के मुताबिक ये निर्देश एक साल के लिए लागू होंगे।
केंद्रीय व्यापर संघों (सीटीयू) ने आगामी बजट से पहले उनके साथ उचित बैठक नहीं करने पर वित्त मंत्रालय से कड़ी आपत्ति जताई है। व्यापार संघों ने बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री की अनुपस्थिति पर एतराज जताते हुए ज्यादा समय के लिए प्रत्यक्ष तरीके से आगे एक और बैठक आयोजित करने की मांग की है। बजट से पहले ऑनलाइन माध्यम से शनिवार को आयोजित की गई परामर्श बैठक एक घंटे 15 मिनट तक चली और इसकी अध्यक्षता वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने की।
व्यापार संघों ने इस बैठक को केंद्रीय व्यापार संघों (सीटीयू) का 'अपमान' बताये हुए इसे 'मंत्रालय द्वारा किया गया एक मजाक करार दिया।' सीटीयू ने इसके अलावा उनके साथ विचार-विमर्श में उद्योग प्रतिनिधियों की उपस्थिति पर भी कड़ी आपत्ति जताई है। भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के महासचिव विनय कुमार सिन्हा ने पीटीआई-भाषा से कहा, ''केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन को व्यापार संघों के साथ बजट पूर्व चर्चा के लिए आमंत्रित किया गया था। हम निराश हैं कि आज वह इस बैठक में शामिल नहीं हुईं।''
उन्होंने कहा, ''इस बैठक में केवल राज्य मंत्री और वित्त मंत्रालय के अधिकारी शामिल हुए। बैठक में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई), भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) समेत कुछ अन्य संगठनों ने भी भाग लिया।'' विनय कुमार ने कहा कि यह बजट पूर्व इस तरह की पहली ऐसी बैठक थी जिसे केंद्रीय वित्त मंत्री की मौजूदगी के बिना आयोजित किया गया।