बिज़नेस

बजट उम्मीद: जन-धन खातों को अटल पेंशन और सुकन्या समृध्दि योजना से जोड़ने की तैयारी

 नई दिल्ली।

केंद्र सरकार आने वाले बजट में जन-धन खातों पर खास फोकस करने की तैयारी में है। सूत्रों के जरिए मिली जानकारी के मुताबिक अगले हफ्ते सरकार अपने ऐलान में इन खातों के लिए डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के साथ अटल पेंशन योजना और सुकन्या समृद्धि योजनाओं से भी जोड़ सकती है। जानकारी के मुताबिक जन-धन सेवाओं के विस्तार का ये तीसरा चरण होगा। इसके तहत इन ग्राहकों को डोर स्टेप बैंकिंग के साथ साथ डिजिटल खाता धारकों जैसी सुविधाओं से जोड़ने का काम किया जाएगा। डिजिटल बैंकिंग से जुड़ने के बाद इन खाता धारकों को भी मोबाइल से भी बैंकिंग सर्विस जैसी सुविधाएं मिलने लगेंगी। इसके अलावा जन-धन खातों से ही अटल पेंशन योजना, सुकन्या समृद्धि योजना जैसी योजनाओं को भी जोड़ने की तैयारी की जा रही है। इसके बाद जन-धन खातों से इन स्कीमों की रकम जमा की जा सकती है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में अब तक 44.44 करोड़ जन-धन खाते खोले जा चुके हैं जिनमें 1.57 लाख करोड़ रुपए जमा हैं। देश में ज्यादातर जन-धन अकाउंट सरकारी बैंकों में खोले गए हैं। केंद्र सरकार ने 2014 में इस योजना को शुरू किया था। जन-धन योजना को इसलिए शुरू किया गया था ताकि देश के सभी लोगों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ा जा सके। प्रधानमंत्री जन-धन योजना से जुड़े खातों में न्यूनतम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं होती है। इन खाता धारकों को रूपे डेबिट कार्ड जारी किया जाता है।

लोगों की बचत करने की आदत बढ़ी
इसके अलावा 2 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा भी मिलता है। साथ ही 10 हजार रुपए के ओवरड्रॉफ्ट की सुविधा भी दी जाती है। सरकारी आंकड़ों में ये भी पता चलता है कि इन खातों के खुलने के बाद से लोगों की बचत की आदत भी बढ़ी है। जन-धन खाता लॉन्च होने के 7 साल पूरे होने पर पिछले साल अगस्त में सरकार ने बताया था कि औसतन प्रति जन-धन खाता 3398 रुपए जमा हैं।

पुरुषों के मुकाबले महिलाएं ज्यादा आगे
ये जमा रकम अगस्त 2015 की तुलना में प्रति खाते 2.7 गुना से अधिक की बढ़ गई है। ये खाते खुलवाने वालों में पुरुषों के मुकाबले महिलाएं ज्यादा आगे रहती हैं। 55 प्रतिशत जन-धन खाताधारक महिलाएं हैं साथ ही 67 प्रतिशत जन-धन खाते ग्रामीण और अर्द्ध-शहरी इलाकों में हैं। ऐसे में सरकार इन खाता धारकों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाओं से जोड़ना चाहती हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button