करोड़ों लोगों ने नौकरी की तलाश छोड़ी, कामकाजी उम्र के 90 करोड़ भारतीयों में से आधे नौकरी नहीं चाहते
नई दिल्ली।
भारत की रोजगार सृजन समस्या एक बड़े खतरे में बदल रही है। काम की तलाश नहीं करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के नए आंकड़ों के अनुसार, योग्यता के अनुसार नौकरी नहीं मिलने से निराश, करोड़ों भारतीय, विशेष रूप से महिलाएं, श्रम बल से पूरी तरह से बाहर हो रही हैं। सीएमआईई के अनुसार, अब, कामकाजी उम्र के 90 करोड़ भारतीयों में से आधे नौकरी नहीं चाहते हैं। यह संख्या संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस की कुल जनसंख्या से भी अधिक है।
भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक में विकास को गति देने के लिए युवा श्रमिकों पर दांव लगा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2017 और 2022 के बीच, समग्र श्रम भागीदारी दर 46 फीसदी से गिरकर 40 फीसदी हो गई। महिलाओं की स्थिति और भी खराब है। लगभग 2.1 करोड़ महिलाएं कार्यबल से गायब हो गई हैं।