6 करोड़ से अधिक कर्मचारियों के लिए Good News, ईपीएफ क्लेम के लिए ई-नॉमिनेशन की बाध्यता खत्म
कानपुर।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने सीबीटी सदस्यों की मांग पर ईपीएफ अंशधारकों को राहत दी है। अब कोविड और बीमारी एडवांस के क्लेम में ई-नॉमिनेशन की बाध्यता को खत्म कर दिया गया है। ईपीएफ सदस्य ऐसे एडवांस के लिए ऑनलाइन क्लेम फॉर्म भरने के साथ ही ईपीएफ पासबुक भी डाउनलोड कर सकेंगे।
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ई-नॉमिनेशन की बाध्यता के चलते ईपीएफ सदस्यों के क्लेम निस्तारण बंद कर दिए गए थे। हजारों सदस्य नॉमिनी के नाम और जन्मतिथि में अंतर होने के कारण ई-नॉमिनेशन भी नहीं कर पा रहे थे। आधार कार्ड और रिकॉर्ड में अंतर होने के कारण करेक्शन रिजेक्ट हो रहे थे। करेक्शन होने के बाद ही सदस्यों का ई-नॉमिनेशन स्वीकार हो रहा था। सीबीटी सदस्यों ने यह मुद्दा उठाया कि ई-नॉमिनेशन में सदस्यों से नियुक्ति पत्र मांगा जा रहा था। उसमें और आधार में नाम के जरा से अंतर से भी फाइल रद हो रही थी। लगातार मिल रही शिकायतों के चलते ईपीएफओ ने सिर्फ खुद और परिवार में बीमारी और कोविड एडवांस क्लेम में ई-नॉमिनेशन की बाध्यता को खत्म कर दिया है।
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ईपीएफओ बोर्ड सदस्य सुखदेव प्रसाद मिश्र का कहना है कि अभी तक जिनका ई-नॉमिनेशन नहीं है, उनके बीमारी और कोविड एडवांस के क्लेम ही स्वीकार नहीं हो रहे थे। अब उनके क्लेम निस्तारित हो जाएंगे। क्लेम में ई-नॉमिनेशन में समय की बाध्यता खत्म कर दी गई है लेकिन इस बाध्यता को मकान निर्माण, बच्चों की पढ़ाई, बेटा-बेटी की शादी के लिए एडवांस क्लेम में भी खत्म करना चाहिए। ईपीएफ सदस्य, इंडिया थर्मिट के रोहित कनौजिया कहते हैं कि ईपीएफ खाते से तीन बार क्लेम लगा चुके हैं, हर बार रद हो गया। ई-नॉमिनेशन के पहले नॉमिनी के ब्योरे में सुधार कराना है, वह भी नहीं हो रहा है। बिना उसके ई-नॉमिनेशन भी फाइल नहीं हो रहा है। हालांकि, अब बीमारी का एडवांस ले सकेंगे।
वहीं, जीतू सिंह, ईपीएफ सदस्य, आर कोरियर सर्विस का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद से क्लेम रद हो रहे थे क्योंकि ई-नॉमिनेशन नहीं था। नॉमिनी के आधार और मूल पत्रावली में एकरूपता नहीं होने के कारण फंसे रहे। अब कम से कम बीमारी के लिए तो क्लेम मिलेंगे।