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मल्टी स्टेट एक्सपोर्ट को-ऑपरेटिव सोसाईटी का होगा गठन..

केद्रीय मंत्रिमंडल ने बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम, 2002 के तहत एक राष्ट्रीय स्तर की बहु-राज्य सहकारी निर्यात सोसायटी की स्थापना को मंजूरी दी है। यह सहकारी समितियों के समावेशी विकास मॉडल के माध्यम से 'सहकार से समृद्धि' के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगी। कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र यादव ने बुधवार को कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए ये बातें कही। उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने निर्यात, जैविक उत्पादों और बीजों को बढ़ावा देने के लिए 3 नई सहकारी समितियों के गठन की योजना को मंजूरी दी।

मंत्रिमंडल ने रुपे डेबिट कार्ड और भीम यूपीआई के जरिए लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए 2,600 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना को भी मंजूरी दी है।सरकार जैविक उत्पाद, बीज और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए तीन नई सहकारी समितियों का गठन करेगी। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद केंद्रीय श्रम एवं रोजगार, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि किसानों, कृषकों की आय और कृषि उत्पादन से संबद्ध सहकारिताएं ग्रामीण भारत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय निर्यात समिति, राष्ट्रीय जैविक उत्पाद सहकारी समिति और राष्ट्र स्तरीय बहुराज्यीय बीज सहकारिता समिति की स्थापना को मंजूरी दी।केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रुपे डेबिट कार्ड और भीम यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) के जरिये कम राशि के लेन-देन को बढ़ावा देने के लिये 2,600 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी। योजना के तहत, बैंकों को चालू वित्त वर्ष में रुपे और यूपीआई का उपयोग करके ‘पॉइंट ऑफ सेल’ (पीओएस) यानी दुकानों पर लगी भुगतान मशीन और ई-कॉमर्स लेनदेन को बढ़ावा देने के लिये वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाएगा।

इससे मजबूत डिजिटल भुगतान परिवेश तैयार करने में मदद मिलेगी। योजना के तहत कम खर्च वाला और उपयोग के लिहाज से सरल यूपीआई लाइट और यूपीआई 123 पे को भी बढ़ावा दिया जाएगा।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 जनवरी को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से वाराणसी में गंगा नदी के किनारे दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज, ‘एमवी गंगा विलास’ को हरी झंडी दिखाएंगे और एक 'टेंट सिटी' का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने बुधवार को एक बयान में यह जानकारी दी।

उसके मुताबिक इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई अन्य अंतर्देशीय जलमार्ग परियोजनाओं का भी उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। एमवी गंगा विलास वाराणसी से अपनी यात्रा शुरू करेगा और 51 दिनों में लगभग 3,200 किलोमीटर की दूरी तय करेगा और बांग्लादेश होते हुए असम के डिब्रूगढ़ पहुंचेगा। इस दौरान यह क्रूज भारत एवं बांग्लादेश से गुजरने वाली 27 नदी प्रणालियों के रास्ते अपनी मंजिल तक पहुंचेगा।

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