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टमाटर और कच्चे तेल के दामों में उछाल ने बढ़ाई महंगाई, सामान्य मानसून और सरकार के उपाय से काबू में होगी मुद्रास्फीति

 नई दिल्ली
 
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने प्रमुख नीतिगत दर  रेपो रेट को 0.50 प्रतिशत बढ़ाकर 4.90 प्रतिशत कर दिया है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि सामान्य मानसून, सरकार द्वारा किए गए उपायों से मुद्रास्फीति नीचे आएगी। मुद्रास्फीति के ऊपर जाने का जोखिम बना हुआ है। हाल में टमाटर और कच्चे तेल के दामों में उछाल से मुद्रास्फीति बढ़ी है। रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए 7.2 प्रतिशत की वृद्धि दर के अपने अनुमान को कायम रखा।  बता दें आरबीआई ने रेपो रेट बढ़ा दिया है यानी रिजर्व बैंक जिस रेट पर बैंकों को लोन देता है, उसका रेट बढ़ाया है। बैंक को ज़्यादा ब्याज देना होगा तो वो आप से भी लोन पर ज़्यादा ब्याज वसूलेंगे।

महंगाई दर 6 प्रतिशत से ऊपर बने रहने की आशंका
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने समिति की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि हम मुद्रास्फीति को अपने लक्ष्य के दायरे में लाने के लिए कदम उठा रहे हैं, महंगाई दर चालू वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाहियों में 6 प्रतिशत से ऊपर बने रहने की आशंका है। यूक्रेन में युद्ध से दुनिया भर में मुद्रास्फीति बढ़ी है। इसके बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है, रिजर्व बैंक वृद्धि को समर्थन करता रहेगा । 
दास ने कहा कि आरबीआई व्यवस्थित रूप से सरकारी के उधारी कार्यक्रम पर ध्यान दे रहा है। रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति के अनुमान को बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत किया। पहले मुद्रास्फीति 5.7 प्रतिशत के स्तर पर रहने का अनुमान लगाया गया था। उन्होंने यह भी बताया कि आरबीआई ने ग्रामीण सहकारी बैंकों को वाणिज्यिक रियल एस्टेट को कर्ज देने की मंजूरी दी। शहरी सहकारी बैंकों को घरों तक बैंक से जुड़ी सुविधाएं देने की अनुमति दी गयी हैं।

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