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मोदी सरकार की इस योजना से 64 लाख मिलेंगे रोजगार, 28.15 लाख करोड़ का होगा कारोबार

नई दिल्ली।

सरकार की प्रोत्साहन आधारित उत्पादन (पीएलआई) योजना रंग लाती दिख रही है। इसमें 14 क्षेत्रों से 2.34 लाख करोड़ रुपये का निवेश प्रस्ताव आया है जो उम्मीद से अधिक है। इससे अगले पांच साल में करीब 64 लाख नौकरियां मिलने की उम्मीद है। विभिन्न मंत्रालयों के आंकड़ों के आधार पर जारी एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। पीएलआई में खाद्य प्रसंस्करण और कपड़ा से लेकर वाहन और इलेक्ट्रॉनिक समेत कई क्षेत्रों की कंपनियां इसमें हिस्सा ले रही हैं।

शुरुआत में इसको लेकर कंपनियां उतनी उत्साहित नहीं थीं, लेकिन सरकार की ओर से नीति और प्रक्रिया को पारदर्शी और आसान करने के बाद पीएलआई योजना को लेकर उद्योग ज्यादा उत्साहजनक तरीके से इसमें हिस्सेदारी कर रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि पीएलआई को लेकर अभी शुरुआत हुई है और यदि सबकुछ सही रहा तो इसका रोजगार और उद्योग पर जो सकारात्मक असर होगा उसका अभी अंदाजा लगाना भी मुश्किल है।

इन क्षेत्रों में सबसे अधिक निवेश
पीएलआई योजना के तहत निवेश को आकर्षित करने के मामले में वाहन, वाहन उपकरण, उन्नत रसायनिक बैटरी, विशेष इस्पात और सोलर पैनल क्षेत्र सबसे आगे रहे हैं। इस संबंध में जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि सरकार को इसके जरिए 28.15 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होने की उम्मीद है। इसके अलावा पीएलआई स्कीम के तहत आने वाले समय में निवेश और रोजगार बढ़ने के साथ देश की आर्थिक रफ्तार बढ़ाने में भी मददगार साबित हो सकता है।

किस क्षेत्र में कितना होगा निवेश

क्षेत्र निवेश राशि

    वाहन 54,000 करोड़
    उन्न्त बैटरी 45,000 करोड़
    विशेष इस्पात 39,625 करोड़
    सौर ऊर्जा 30,000 करोड़
    कपड़ा 19000 करोड़
    मोबाइल-इलेक्ट्रॉनिक 11573 करोड़
    खाद्य प्रसंस्करण 8212 करोड़

(निवेश राशि रुपये में)

क्या है पीएलआई योजना
सरकार की ओर से पांच साल के लिए पीएलआई योजना घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने और आयात बिल यानी खर्च में कटौती करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। देश में पीएलआई स्कीम के लिए 14 सेक्टरों का चयन किया गया था। इनमें ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल, फूड प्रोडक्शन सहित आईटी हार्डवेयर जैसे क्षेत्र शामिल किए गए हैं। इसके योजना के तहत 1.97 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव दिया गया था।

देसी कंपनियों को मिलेगी नई पहचान
पीएलआई योजना का असर विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग देखने को मिलेगा। एसर इंडिया के मुख्य कारोबार अधिकारी सुधीर गोयल का कहना है कि लैपटॉप और पीसी के क्षेत्र में पीएलआई देसी कंपनियों के लिए पासा पलटने वाला साबित हो सकता है। उनका कहना है कि नोएडा की डिक्सन टेक्नोलॉजी ने एसर के लिए उत्पाद बनाने का करार किया है।
 
डिक्सन पीएलआई में हिस्सा ले रही है। गोयल का कहना है कि डिक्सन को यदि अन्य कंपनियों से भी ऑर्डर मिलते हैं तो वह वैश्वक स्तर के किफायती उत्पाद बनाने में सक्षम होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा समय में ताइवान की फॉक्सकॉन दुनिया की नामचीन कंपनियों के लिए मोबाइल बनाती है। डिक्सन जैसी भारतीय कंपनियां भी लैपटॉप-पीसी के क्षेत्र में वह कामयाबी हासिल करने की क्षमता रखती हैं।

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