इस साल नौकरियों की बहार, फ्रैशर्स के लिए भरपूर मौके, 47% नई नौकरियां छोटे शहरों में पैदा होंगी
नई दिल्ली।
कोरोना महामारी से प्रभावित भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से उबर रही है। इसका संकेत यह है कि पिछले साल की तरह इस साल भी भर्ती से जुड़ी गतिविधियों में 31 फीसदी की तेजी रहेगी। डिजिटल भर्ती प्लेटफॉर्म टैग्ड की ताजा स्टडी में यह बात कही गई है। स्टडी के मुताबिक, 2021 में भर्ती गतिविधियों में 27 फीसदी की तेजी रही थी।
56 फीसदी नई नौकरियां फ्रेशर्स को
कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) और सनस्टोन एडूवर्सिटी के साथ की गई स्टडी में कहा गया है कि 2022 में ऑटोमोबाइल, आईटी-आईटीज और इंटरनेट कारोबार सेक्टर में भर्ती गतिविधियों में सबसे ज्यादा तेजी रहेगी। यह साल फ्रैशर्स के लिए काफी अच्छा रहेगा और उन्हें नौकरी के भरपूर मौके मिलेंगे। स्टडी के मुताबिक, 2022 में फ्रैशर्स के बाद एक से पांच साल के अनुभवी पेशेवरों की मांग ज्यादा रहेगी। इस साल आधे से ज्यादा करीब 56 फीसदी नई नौकरियां करियर शुरू करने वाले पेशेवरों को मिलेंगी। इसमें 0-5 वर्ष के अनुभव वाले पेशेवर शामिल हैं।
गैर-टियर 1 शहरों में पैदा होंगी 47% नौकरियां
स्टडी में कहा गया है कि इस साल भौगोलिक परिदृश्य में भी बदलाव आएगा। 2022 में करीब 47 फीसदी नई नौकरियां गैर-टियर 1 शहरों में पैदा होंगी। टियर 1 शहरों में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु जैसे महानगर शामिल हैं। वहीं, कुल कामगारों में गिग वर्कर्स की हिस्सेदारी बढ़कर 9 फीसदी होने की उम्मीद है। 2021 में इनकी संख्या करीब 8 फीसदी थी। यह स्टडी रिपोर्ट अनुभव, लिंग, कार्यबल की संरचना, स्थान और स्किल्स के आधार पर तैयार की गई है।
200 से ज्यादा बड़े संस्थानों पर की गई स्टडी
देश के 200 से ज्यादा बड़े संस्थानों में स्टडी के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है। इन संस्थानों में पांच लाख से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत हैं। रिपोर्ट में प्रमुख भर्ती मैट्रिक्स जैसे भर्ती में लगने वाला समय, एक भर्ती की औसत लागत और पिछले साल दी गई औसत वेतन वृद्धि को भी शामिल किया गया है।
सात प्रमुख सेक्टर्स पर की गई स्टडी
यह स्टडी सात प्रमुख सेक्टर्स पर की गई है इसमें ऑटोमोटिव, बीएफएसआई (बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और बीमा), वैश्विक इन-हाउस केंद्र, भारी अभियांत्रिकी और विनिर्माण, इंटरनेट कारोबार, सूचना तकनीक और फार्मास्यूटिकल्स शामिल हैं।
स्टार्टअप में होगी बेहतर वेतन वृद्धि
अर्थव्यवस्था में रिकवरी के साथ स्टार्टअप भी इस साल बेहतर वेतन वृद्धि देने की तैयारी कर रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस साल स्टार्टअप्स में पिछले 4-5 वर्षों से बेहतर वेतन वृद्धि हो सकती है। इंडस्ट्री से जुड़े जानकारों के अनुसार, इस वर्ष स्टार्टअप में औसत वेतन वृद्धि 12 से 15 फीसदी तक हो सकती है। वहीं, अच्छा प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को इससे ज्यादा भी वेतन वृद्धि मिल सकती है। जानकारों का कहना है कि कर्मचारियों को रोके रखने के लिए कंपनियां ज्यादा वेतन वृद्धि दे रही हैं।