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आस्था के महाकुंभ पर भारी पड़ गई अव्यवस्था!

रूद्राक्ष महोत्सव के पहले दिन ही उमड़ा भक्तों का सैलाब, 2 लाख से अधिक पहुंचे भक्त, भोपाल-इंदौर हाईवे पर 40 किलोमीटर तक फंसे रहे वाहन

सीहोर.  जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में सोमवार से शुरू हुई शिव महापुराण एवं रूद्राक्ष महोत्सव को स्थगित करना पड़ा। पंडित प्रदीप मिश्रा ने बेहद दुखी मन से व्यास गादी से आयोजन को निरस्त करने की घोषणा की। उन्होंने लाखों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालु-भक्तों से दुखी मन से कहा कि उन्हेें आयोजन निरस्त करने का गहरा दुख एवं अफसोस है और इसके लिए वे दूर-दूर से आए भक्तों से माफी मांगते हैं। पंडित प्रदीप मिश्रा ने अपने भक्तों को भरोसा भी दिलाया कि वे जल्द ही इस आयोजन को कहीं और करेंगे। फिलहाल कुबेरेश्वर धाम पर शिव पुराण तो होगी, लेकिन भक्तोें को इसे आस्था चैनल के माध्यम सेे घर पर ही रहकर सुनना पड़ेगी।
भोपाल-इंदौर हाईवेे पर लगा जाम, इसलिए हुईं अव्यस्थाएं-
कुबेरेश्वर धाम पर आयोजित होने वाले रूद्राक्ष महोत्सव को लेकर लगभग एक माह से तैयारियां चल रही थीं। भक्तों के ठहरने के लिए बड़े-बडे़ डोम एवं पांडाल तैयार किए गए थे। उनकेे खानेे एवं रहने की भी चाक-चौबंद व्यवस्थाएं की गईं थीं। आयोजन को लेकर लगातार बैठकों का दौर चलता रहा, इस दौरान कई सामाजिक संगठनों ने भी बढ़-चढ़कर आयोजन में सहयोग करनेे की इच्छा जताई। सामाजिक संगठनों ने अपनी-अपनी धर्मशालाएं भी यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए खोल दी थी। आयोजन में शामिल होने के लिए देशभर के कौने-कौनेे से लोग आ रहे थे। विदेेशों से भी मेहमानों को आना था। दो दिन पहले से यहां पर भक्तों के आने का सिलसिला भी शुरू हो गया, लेकिन सोमवार को आयोजन के पहले दिन ही श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। पहले दिन दो लाख से अधिक संख्या में लोग यहां पर एकत्रित हो गए। इसके कारण जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन सहित स्थानीय प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाएं भी ध्वस्त होे गईं। भोपाल-इंदौर हाईवे पर लगभग 40 किलोमीटर तक वाहन फंस गए। पूरी तरह से रोड जाम हो गया। इसके बाद पुलिस को भोपाल की तरफ से आनेे वाले वाहनों कोे कई किलोमीटर पहले ही रोकना पड़ा। इंदौर की तरफ से आने वाले वाहनों को भी दूर ही रोकना पड़ा। येे भी बताया जा रहा हैै कि रोड जाम के कारण कई व्हीआईपी भी इसमें फंस गए थे। इसके बाद अधिकारियों को फटकार भी सुननी पड़ी।
ताबड़तोेड़ पहुंचे अधिकारी, बैठक हुई और फिर निरस्त करना पड़ा आयोजन-
देर रात से ही भक्तों के आने का क्रम जारी था। सुबह होते-होते तोे आयोजन स्थल के आसपास का क्षेत्र पूरी तरह से भक्तों की भीड़ से पट गया। आयोजन स्थल के आसपास बनाई गई पार्किंग भी पूरी तरह सेे भरा चुकी थी। लोगों की गाड़ियां मुख्य हाईवे तक आने लगी। धीरे-धीरे भोपाल-इंदौर हाईवे पर जाम लगने लगा। इसकी सूचना जब कलेक्टर, एसपी सहित अन्य अधिकारियों तक पहुंची तो अधिकारियों ने भी आयोजन स्थल की तरफ रूख किया। वहां की स्थितियां देखने केे बाद अधिकारियोें ने पंडित प्रदीप मिश्रा जी एवं आयोजन समिति के साथ बैठक की। बैठक के बाद कथा को स्थगित करने का निर्णय लेना पड़ा। सोमवार से श्री शिव महापुराण एक से 4 बजे तक होनी थी, लेकिन कथा देर से शुरू हुई और समय से पहले समाप्त करनी पड़ी। पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने व्यास गादी से ही कथा को निरस्त करने की घोषणा बेहद दुखी मन से की। उन्होंने उपस्थित श्रद्धालुओं से माफी मांगते हुए कहा कि उपर से बार-बार दबाव आ रहा है कि कथा को स्थगित किया जाए, इसलिए कथा को स्थगित करना पड़ रहा है और इसकेे लिए मैं सभी से विन्रम, श्रद्धापूर्वक माफी मांगता हूं। उन्होंने कहा कि कोई भी दुखी मन से वापस न जाएं, सब खुशी-खुशी अपने-अपनेे घरोें को प्रस्थान करें और घर पर बैठकर आस्था चैनल के माध्यम से कथा सुनें।
कोरियर के माध्यम सेे मंगा सकते हैैं रूद्राक्ष-
पंडित प्रदीप मिश्रा ने कथा निरस्त करने की घोषणा के साथ यह भी कहा कि वे किसी को रूद्राक्ष नहीं बांट पा रहे हैं, इसका उन्हें बेहद दुख है, लेकिन वे रूद्राक्ष कोरियर के माध्यम सेे भक्तोें केे घर भेजने का प्रयास करेंगे। इससे पहले उन्होंने श्री शिव महापुराण के बारे में उपस्थित भक्तोें को बताया कि जगत के पालनकर्ता भगवान शिव का मनन करें, जन कल्याण से जुड़े, भगवान शिव आदिदेव, देवों के देव हैं, महादेव हैं। सभी देवताओं में वे सर्वाेच्च हैं, महानतम हैं, दुखों को हरने वाले हैं। रुद्राक्ष को हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। इसका संबंध भगवान शिव से है। हिंदू धर्म के मानने वाले इसकी पूजा भी करते हैं। जानकारों की मानें, तो रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। यह बहुत ही लाभकारी माना गया है, परंतु इसे धारण करने से पहले आपको इसके विषय में जान लेना चाहिए। रुद्राक्ष कई तरह के होते हैं, सभी का प्रभाव अलग-अलग होता है।
हम भाग्य के अधीन नहीं हैं, बल्कि स्वयं भाग्य के निर्माता हैं-
सोमवार सुबह महोत्सव के पहले दिन पूर्ण विधि-विधान से रुद्राक्षों का अभिषेक किया गया और उसके पश्चात दोपहर एक बजे शिव महापुराण का आयोजन किया गया। इस दौरान पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि गुलाब के फूल में सुंदरता और कांटे दोनों होते हैं, पर लोग कांटों की कहां परवाह करते हैं, गुलाब के लिए। इसी तरह प्यार में भी दुख-तकलीफ और खुशी दोनों होते हैं, लेकिन वो खुशी का एहसास इतना होता है कि लोग परवाह नहीं करते दुख-तकलीफों की। उन्होंने कहा कि हम भाग्य के अधीन नहीं हैं, बल्कि स्वयं भाग्य के निर्माता हैं। भाग्य हमारे कर्मों का वह हिस्सा है जो हमारे भावी जीवन का निर्माता भी बनता है और नियंत्रक भी होता है। कर्म जानबूझकर किया गया हो या अनजाने, उसका फल कर्ता को भोगना ही पड़ता है। संचित कर्म फल ही भाग्य कहलाता है। मेहनत करने के बाद ही हमें सफलता मिलती है, अतः जब हम कोई कष्ट उठाते हैं उसी के बाद हमें सुख प्राप्त होता है। यदि हम कोई मेहनत ही ना करें और हमें उस सुख की प्राप्ति हो जाए तो उस सुख में हमें संतावना नहीं मिलती।
लोग होतेे रहे परेशान-
आयोजन स्थल तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को कई तरह की परेशानियां भी आईं। उनकी गाड़ियों कोे चार-पांच किलोमीटर पहले ही रोक दिया गया। कई लोगों के साथ सामान एवं बच्चेे भी थे, इसके कारण उन्हें आयोजन स्थल पर पहुंचने के लिए परेशानियों का सामना भी करना पड़ा। लोगों कोे वहां पेयजल भी नहीं मिला। इसके अलावा शौचालयों के लिए भी लोगों को खुले में ही जाना पड़ा। कुबेरेश्वर पहुंचने वाले आरोन निवासी टीएल तिवारी ने बताया कि वे यहां पर बड़ी श्रद्धा के साथ आए थे, लेकिन यहां की अव्यवस्थाएं देखकर उनका मन निराश हो गया। वे बिना दर्शन किए ही वहां से लौैट गए।
नेटवर्क के बाहर बताते रहे अधिकारियों के मोबाइल-
कुबेरेश्वर धाम पर स्थिगत किए गए आयोजन कोे लेकर कलेक्टर चंद्रमोेहन ठाकुर, पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी, एसडीएम ब्रजेश सक्सेना सहित अन्य अधिकारियों से संपर्क करनेे की कोशिश की गई, लेकिन सभी अधिकारियों के मोेबाइल नंबर आउट ऑफ कवरेज बतातेे रहे। खबर लिखे जाने तक किसी से भी संपर्क नहीं हो सका।

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