31 मई तक होंगे राज्य स्तरीय खेलवृत्ति के लिए आवेदन आमंत्रित-
खेल और युवा कल्याण विभाग द्वारा वर्ष 2023 के राज्य स्तरीय खेलवृत्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। खेलवृत्ति के लिए अधिकृत राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में पदक विजेता प्रतिभावान खिलाड़ियों को 31 मई तक अपने आवेदन जमा करना होंगे। अधिकृत राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक विजेता खिलाड़ी को 10 हजार, रजत पदक विजेता को 8 हजार तथा काँस्य पदक विजेता को 6 हजार रूपये की खेलवृत्ति का प्रावधान है। खेलवृत्ति के लिये आवेदन संबंधित जिले के जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी से प्राप्त किये जा सकते हैं। खेलवृत्ति के लिये निर्धारित दिशा-निर्देश एवं नियमावली विभागीय वेबसाइट ूूू.केलूउच.हवअ.पद पर उपलब्ध हैं। मध्यप्रदेश राज्य खेल अकादमी, प्रशिक्षण केन्द्र, फीडर सेंटर, भारतीय खेल प्राधिकरण एवं खेल छात्रावास में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले खिलाड़ी को खेलवृत्ति की पात्रता नहीं होगी। ष्अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार एवं प्रोत्साहन नियम-2019श्श् में मान्यता प्राप्त खेल संघ द्वारा आयोजित अधिकृत राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिता में पदक अर्जित करने वाले जिले के प्रतिभावान खिलाड़ियों को खेलवृत्ति प्रदान किये जाने का प्रावधान है।
बकरी पालन, अधिक फायदा देता है और किफायती भी है-
बड़े पशुओं की तुलना में बकरी पालन पशुपालकों के लिए आर्थिक रूप से काफी फायदेमंद है। राज्य शासन द्वारा बैंक ऋण एवं अनुदान पर बकरी इकाई योजना संचालित है। इसमें हितग्राही को 10 बकरी और एक बकरा दिया जाता है। इकाई की लागत 77 हजार 456 रूपये है। सामान्य वर्ग के हितग्राही को इकाई लागत का 40 प्रतिशत और अनुसूचित जाति-जनजाति को इकाई लागत का 60 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। बकरी पालन मजदूर, सीमांत और लघु किसानों में काफी लोकप्रिय है। चाहे घरेलू स्तर पर 2-4 बकरी पालन हो या व्यवसायिक फार्म में दर्जनों, सैकड़ों या हजारों की तादाद में, इनकी देख-रेख और चारा पानी पर खर्च बहुत कम होता है। वैज्ञानिक तरीके से पालन करने से 4-5 माह में आमदनी शुरू हो जाती है। बकरी की प्रजाति का चुनाव स्थानीय वातावरण को ध्यान में रख कर करना चाहिए। कम बच्चे देने वाली या अधिक बच्चे देने वाली बकरियों से कमाई एक-सी ही होती है। उन्नत नस्ल की प्राप्ति के लिए बाहर से बकरा लाकर स्थानीय बकरियों के संपर्क में लाना चाहिए। आमतौर पर इसके लिए अप्रैल-मई और अक्टूबर-नवम्बर माह अनुकूल रहता है। संभव हो तो बकरी का बाड़ा पूर्व से पश्चिम दिशा में ज्यादा फैला होना चाहिए। बाड़े की लंबाई की दीवार की ऊँचाई एक मीटर और उसके ऊपर 40ग्60 वर्ग फीट की जाली होना चाहिए। बाड़े का फर्श कच्चा और रेतीला होना चाहिए। रोग मुक्त रखने के लिए समय-समय पर चूने का छिड़काव करना चाहिए। जन्म के एक सप्ताह के बाद मेमने और बकरी को अलग-अलग रखना चाहिए। एक वयस्क बकरी को उसके वजन के अनुसार रोजाना एक से तीन किलोग्राम हरा चारा, आधा से एक किलोग्राम भूसा और डेढ़ से चार सौ ग्राम दाना रोजाना खिलाना चाहिए। बकरियों को साबुत अनाज और सरसों की खली नहीं खिलाना चाहिए। दाने में 60 प्रतिशत दला हुआ अनाज, 15 प्रतिशत चोकर, 15 प्रतिशत खली, 2 प्रतिशत खनिज तत्व और एक प्रतिशत नमक होना चाहिए। बकरियों को पीपीआर, ईटी खुरपका, गलघोंटू और चेचक के टीके जरूर लगवायें। यह टीके मेमनों को 3-4 माह की उम्र के बाद लगते हैं। साथ ही अंतरूपरजीवी नाशक दवाइयाँ साल में दो बार जरूर पिलायें। अधिक सर्दी, गर्मी और बरसात से बचाने के इंतजाम करें। नवजात मेमने को आधे घंटे के भीतर बकरी का पहला दूध पिलाने से उसकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है।
कर्मचारी चयन मंडल की सभी परीक्षाओं का वर्ष में एक बार ही परीक्षा शुल्क
राज्य शासन ने कर्मचारी चयन मण्डल के माध्यम से होने वाली सभी परीक्षाओं में वन टाइम परीक्षा शुल्क लेने और रजिस्ट्रेशन की सुविधा प्रदान करने का आदेश जारी किया है, जो आगामी एक वर्ष तक लागू रहेगा। अब मण्डल की समस्त परीक्षाओं में उम्मीदवार से एक बार ही परीक्षा शुल्क लिया जाएगा। आवेदक को मात्र एक बार प्रोफाइल रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके बाद पहली परीक्षा में आवेदन भरने पर निर्धारित परीक्षा और पोर्टल शुल्क देना होगा। आवेदक को इसके बाद कर्मचारी चयन मण्डल की किसी भी अन्य परीक्षा में आवेदन भरते समय परीक्षा शुल्क नहीं देना होगा। आवेदन भरते समय एमपी ऑनलाइन का निर्धारित पोर्टल शुल्क यथावत देना होगा।
कृषि उपज मंडियों की कार्य-प्रणाली में प्रक्रियात्मक सुधार के लिए समिति गठित
राज्य शासन ने कृषि उपज मंडियों की कार्यप्रणाली में प्रक्रियात्मक सुधार के लिये मध्यप्रदेश कृषि उपज मंडी अधिनिम-1972 में संशोधन के लिए सुझाव एवं अनुशंसा प्रस्तुत करने के लिये समिति गठित की है। कृषि उपज विपणन के वर्तमान परिदृश्य और डिजिटलाइजेशन के कारण में सुधार आवश्यक हैं। समिति द्वारा विषयवस्तु पर विचार कर 6 माह की अवधि में सुझाव एवं अनुशंसा प्रस्तुत की जाएगी। साथ ही कार्यवाही के दौरान विभिन्न प्रभावित पक्षों-मंडी अधिकारी/कर्मचारी, कृषक, व्यापारी/प्रसंस्करणकर्ता, हम्माल-तुलावटी से सुझाव भी प्राप्त किए जा सकेंगे। वर्तमान परिस्थितियों के अनुसार मंडी अधिनियम में संशोधन, वर्तमान परिस्थितियों के अनुसार तथा मंडी अधिनियम में आवश्यक संशोधन अनुरूप मंडी उप विधि में संशोधन, मंडी अधिनियम/मंडी उपविधि के दांडिक प्रावधानों के युक्तियुक्तकरण, वर्तमान में विकसित ऑनलाइन प्रणाली को ध्यान में रखकर मंडी अधिनियम/मंडी उपविधि में सुसंगत संशोधन, अनुज्ञप्ति प्रक्रिया में आवश्यक संशोधन और विभिन्न कृषक, व्यापारी, हम्माल-तुलावटी संगठन से प्राप्त ज्ञापनों में प्रस्तावित कार्यवाही एवं सुधार के संबंध में समिति परीक्षण करेगी। समिति में अवर सचिव किसान-कल्याण तथा कृषि विकास श्री आर.के. गणेशे, संयुक्त संचालक राज्य कृषि विपणन बोर्ड श्री आर.पी. चक्रवर्ती, सहायक संचालक राज्य कृषि विपणन बोर्ड श्री पीयूष शर्मा, संयुक्त संचालक राज्य कृषि विपणन बोर्ड श्री अविनाश पाठे, सहायक संचालक/सचिव कृषि उपज मंडी श्री करूणेश तिवारी और कृषक प्रतिनिधि श्री कैलाश सिंह ठाकुर एवं श्री अरूण कुमार सोनी को रखा गया है।
अब व्हाट्सएप से होंगे बिजली के बिल जमा –
मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी देश की पहली सरकारी बिजली वितरण कंपनी है, जो व्हाट्सएप-पे के माध्यम से ऑनलाइन बिजली बिल भुगतान का अभिनव प्रयास शुरू कर रही है। इससे कंपनी कार्यक्षेत्र के बिजली उपभोक्ताओं को बिजली बिल का भुगतान करना और अधिक आसान हो जाएगा। कंपनी के प्रबंध संचालक श्री गणेश शंकर मिश्रा ने बताया कि बिजली बिलों के भुगतान के डिजिटल नवाचार को आगे बढ़ाते हुए सुविधाजनक और सुरक्षित भुगतान की दिशा में कंपनी ने हमेशा आगे कदम बढ़ाये हैं और उपभोक्ताओं को एक दर्जन से अधिक बिल भुगतान के विकल्प उपलब्ध कराये हैं। इसी कड़ी में व्हाट्सएप-पे के माध्यम से एक नया विकल्प उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध हो जायेगा। इस नये तरीके से उपभोक्ता अपने स्मार्ट फोन का उपयोग कर अपने घर से ही बिजली बिल का भुगतान कर सकेंगे। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने बताया है कि ‘‘व्हाट्सएप-पे’’ एक डिजिटल पेमेंट फीचर है, जो यूजर्स को मैसेजिंग एप के जरिए पैसे भेजने की सुविधा देता है। यह सुरक्षित और उपयोग में आसान है, लेन-देन को पूरा करने के लिए बस कुछ सरल चरणों की आवश्यकता होती है। उपभोक्ता बिना किसी परेशानी के भुगतान करने के लिए अपने मौजूदा व्हाट्सएप खाते का उपयोग कर सकते हैं और इसे अपने बैंक खाते से जोड़ सकते हैं। जिस उपभोक्ता के पास ‘‘व्हाट्सएप-पे’’ सुविधा नहीं है, वे व्हाट्सएप से गूगल-पे, फोन-पे या पेटीएम जैसे अन्य यूपीआई मोड के माध्यम से भी भुगतान कर सकते हैं। इस अभिनव भुगतान पद्धति के लिए किसी अतिरिक्त डाउनलोड या पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है। इस नई सुविधा का उपयोग करने के लिए उपभोक्ता कंपनी के टोल फ्री नंबर 07552551222 को सेव कर सकते हैं और चौट शुरू कर सकते हैं। व्यू एंड पे बिल विकल्प का उपयोग करते हुए, उन्हें भुगतान पूरा करने के निर्देशों के साथ एक संकेत प्राप्त होगा। भुगतान पूरा करने के बाद, उपभोक्ता को एक पुष्टिकरण संदेश प्राप्त होगा। भुगतान के इस नए तरीके से न केवल उपभोक्ताओं को अपने बिलों का भुगतान करना आसान होगा, बल्कि इससे समय और मेहनत की भी बचत होगी। व्हाट्सएप-पे और अन्य ऑनलाइन भुगतान विकल्पों के साथ उपभोक्ताओं को अब अपने बिजली बिलों का भुगतान करने के लिए कैश कलेक्शन सेंटर जाने की आवश्यकता नहीं है। यह एक तेज़ और कुशल समाधान है, जो भुगतान प्रक्रिया को सरल करेगा और उपभोक्ता संतुष्टि में सुधार आयेगा। कंपनी अपने उपभोक्ताओं के लिए व्हाट्सएप चौटबॉट को लागू करने वाली पहली बिजली वितरण कंपनी है, जिसके माध्यम से कोई भी बिजली बिल देख सकता है, भुगतान, रसीद एवं शिकायत कर सकता है, स्थिति को पता कर सकता है। अपने बिजली बिल का भुगतान करने के लिए व्हाट्सएप-पे का उपयोग कैसे करें, इस बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी वेबसाइट चवतजंस.उचब्र.पद पर जायें या 1912 पर कॉल करें अथवा नजदीकी बिजली वितरण केन्द्र से संपर्क करें।
शहरी क्षेत्र के श्रमिकों को मिलेगी वृद्धावस्था पेंशन
शहरी क्षेत्रों के असंगठित श्रमिकों को प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना का लाभ दिया जायेगा। योजना में पंजीयन का कार्य गत वर्ष से शुरू कर दिया गया है।ष्आजादी के अमृत महोत्सवष् में सभी पात्र श्रमिकों का पंजीयन अभियान चलाकर किया जाये। इस योजना में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को वृद्धावस्था में पेंशन एवं सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिल सकेगा। प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना का लाभ स्ट्रीट वेन्डर, मिड-डे-मील वर्कर, बोझा ढोने वाले, ईट भठ्ठा मजदूर, मोची, कूड़ा बीनने वाले, घरेलू कामगार, धोबी, रिक्शा चालक, भूमिहीन मजदूर, कृषि श्रमिक, निर्माण श्रमिक, बीड़ी श्रमिक, हथकरघा श्रमिक, चमड़ा श्रमिक, दृश्य-श्रव्य बाधित श्रमिक, दैनिक वेतन भोगी, सफाई कर्मचारी, ऑउटसोर्स संस्था द्वारा नियोजित कर्मचारी/सफाई कर्मचारी या इसी तरह के अन्य व्यवसाय में काम करने वाले श्रमिकों को दिया जा सकता है।
आयुष्मान भारत में आयुष चिकित्सक भी करवा सकेंगे रजिस्ट्रेशन-
स्वास्थ्य सेवाओं के डिजिटाइजेशन को बढ़ावा देने के लिए डिजिटलर इकोसिस्टम विकसित किया जा रहा है। इस सुविधा से मध्यप्रदेश के निजी और सरकारी आयुष चिकित्सकों को आयुष्मान भारत में अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। नेशनल प्लेटफार्म में रजिस्टर्ड होने के बाद चिकित्सक टेलीमेडिसिन एवं ऑनलाइन चिकित्सा परामर्श के लिए देश के मरीजों से सीधे संपर्क में रहेंगे। केन्द्रीय आयुष मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग ने सभी सरकारी और निजी क्षेत्र में सेवारत शिक्षकों और चिकित्सकों को इस मिशन में रजिस्ट्रेशन करवाने केलिए परिपत्र जारी किया है। हेल्थकेयर प्रोफेशनली रजिस्ट्री (एचपीआर) में केन्द्रीय पोर्टल ीचत.ंइकउ.हवअ.पद पर रजिस्ट्रेशन गत वर्ष ही शुरू कर दिया गया है। मध्यप्रदेश आयुर्वेद, यूनानी एवं प्राकृतिक चिकित्सा बोर्ड के रजिस्ट्रार ने बताया कि उक्त निर्देशों में मध्यप्रदेश में पंजीकृत आयुर्वेद, यूनानी एवं प्राकृतिक चिकित्सकों का पंजीयन हेल्थकेयर प्रोफेशनली रजिस्ट्री के प्लेटफार्म पर किया जा रहा है। निःशुल्क है रजिस्ट्रेशन और रजिस्ट्रेशन की जानकारी केन्द्र सरकार के आयुष भारत डिजिटल मिशन के पोर्टल उकीउ.हवअ.पद के साथ मध्यप्रदेश आयुर्वेद, यूनानी एवं प्राकृतिक चिकित्सा बोर्ड की वेबसाइट ंलनतअमक.उचवदसपदम.हवअ.पद पर भी उपलब्ध है। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया बहुत आसान है और इसे पाँच मिनिट में पूरा किया जा सकता है। रजिस्ट्रेशन के बाद ही चिकित्सक ऑनलाइन इलाज चाहने वाले मरीजों के लिए उपलब्ध होंगे और चिकित्सकों का नाम केन्द्र सरकार के पोर्टल पर दिखाई देगा। चिकित्सकों द्वारा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने के बाद उनका सत्यापित प्रोफाइल छब्प्ैड द्वारा सत्यापन के बाद नेशनल प्लेटफार्म पर उपलब्ध होगा। एक बार सत्यापित प्रोफाइल नेशनल प्लेटफार्म पर उपलब्ध हो जाती है तो चिकित्सक, रोगियों को खोजने और कनेक्ट करने के लिए सभी स्वास्थ्य सेवा प्रदाता वेबसाइटों और एप्लीकेशन पर ऑनलाइन दिखाई देंगे। साथ ही मरीज अपना ऑनलाइन स्वास्थ्य रिकॉर्ड रजिस्टर्ड चिकित्सक को साझा कर सकेंगे। आयुष चिकित्सकों के नेशनल प्लेटफार्म पर रजिस्टर्ड होने के बाद रजिस्टर्ड चिकित्सक टेलीमेडिसिन एवं ऑनलाइन चिकित्सा परामर्श के लिए नागरिकों एवं मरीजों के सीधे संपर्क में रहेंगे इस प्लेटफार्म में रजिस्टर्ड चिकित्सक सरकार द्वारा आवश्यक एनओसी जारी कर सकेंगे तथा विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ भी उठा सकेंगे। हेल्थकेयर प्रोफेशनली रजिस्ट्री में नामांकित होने के बाद रजिस्टर्ड चिकित्सक अधिक से अधिक रोगियों तक ऑनलाइन पहुँच सकेंगे और टेलीकन्सल्टेशन के माध्यम से प्रभावी स्वास्थ्य सेवा प्रदान कर सकेंगे। इस सिस्टम से जन-सामान्य को मान्यता प्राप्त आयुष चिकित्सकों सेवाएँ प्राप्त हो सकेगी, जिससे स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में पारदर्शिता भी कायम होगी।
कृषि विकास विभाग द्वारा जैविक खेती अपनाने की सलाह-
किसान-कल्याण तथा कृषि विकास विभाग ने कहा हैं कि जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार सभी संभव उपाय करेगी। कृषि विभाग ने कहा हैं कि मध्यप्रदेश की खेती- किसानी में बढ़ते पेस्टिसाइड और रासायनिक खाद के उपयोग को रोकने के जैविक खाद निर्माण की प्रक्रिया को बढ़ाया जाएगा। इसके लिए सरकार पशुपालन विभाग के साथ मिलकर एक नए मॉडल को विकसित कर लागू करेगी। कृषि विभाग ने कहा कि गौशालाओं में निजी भागीदारी भी सुनिश्चित करने के प्रयास करेंगे, जिससे जैविक खाद निर्माण में और अधिक बेहतर परिणाम प्राप्त हो सके। पशुपालन विभाग के साथ कृषि विभाग के वैज्ञानिक अनुसंधान कर प्रदेश की गौशालाओं को आत्म-निर्भर बनाएंगे। निजी सहभागिता से चलने वाली गौशालाओं की सतत निगरानी की जाएगी, जिससे गौशालाओं का व्यवस्थित संचालन हो। गोबर और गोमूत्र का उपयोग हो और किसानों को गुणवत्तापूर्ण खाद मिल सके।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए एल्डर लाइन नम्बर 14567
वरिष्ठजन के साथ शारीरिक या भावनात्मक रूप से दुर्व्यवहार किया जा रहा है, तो वह एल्डरलाइन नंबर 14567 पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार तथा सामाजिक न्याय और निशक्तजन कल्याण विभाग के अंतर्गत वरिष्ठ नागरिकों की सुविधाओं एवं मार्गदर्शन हेतु सहायता के लिए हेल्पेज इंडिया द्वारा हेल्पलाइन टॉलफ्री नम्बर जारी किया गया है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्थापित एक योजना है, जो मप्र के सभी जिलों में संचालित है। यह हेल्पलाइन सप्ताह के सातों दिन सुबह 08 बजे से रात 08 बजे तक कार्य करती है। एल्डर लाइन के अतंर्गत सेवाओं के एक भाव के रूप में मुफ्त कानूनी मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है तथा वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण और रख-रखाव के अधिनियम-2007 के बारें में और पेंशन योजनाओं के बारें में जानकारी प्रदाय की जाती है। यदि किसी वरिष्ठजन के साथ शारीरिक या भावनात्मक रूप से दुर्व्यवहार किया जा रहा है, तो वह इस हेल्पलाइन नंबर पर रिपोर्ट कर सकतें है। कोई भी वरिष्ठजन अकेला हो या भावनात्मक रूप से कमजोर महसूस कर रहा हों, वे फोन करके बात कर सकतें है। हेल्पलाइन के माध्यम से भावनात्मक परामर्श प्रदान करने, परित्यक्त वृद्ध लोगों को अस्थाई आश्रय प्रदान करनें, उन्हें फिर से उनके परिवार के साथ मिलानें में मदद की जाती है। इसके अलावा वृद्धाश्रम, देखभाल करने वाली संस्थाओं, अस्पतालों आदि के बारें में भी जानकारी प्रदान की जाती है।