जॉब्स

MBBS : एनएमसी की तैयारी, डॉक्टरी पढ़ने वाला हर छात्र गांव में गोद ले एक परिवार

 नई दिल्ली

ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की पहुंच बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) एक नए प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। इसके तहत प्रत्येक मेडिकल छात्र को गांवों में जाकर एक परिवार को गोद लेना होगा। चार साल के कोर्स के दौरान हर माह गांव में उनसे मिलना होगा। मेडिकल छात्र उनके व्यवहार, बीमारियों, रहन-सहन एवं व्यवहार से जुड़े मुद्दों का अध्ययन कर आंकड़े एकत्र करेंगे। चार साल के बाद वे इन आंकड़ों के आधार पर एक रिपोर्ट भी पेश करेंगे।

एनएमसी की हाल में हुई बैठक में कई प्रस्तावों पर चर्चा की गई, जिसमें एक प्रस्ताव यह भी है। इसमें कहा गया मेडिकल छात्रों के कम्प्यूटर स्किल प्रोग्राम की जगह इस कार्यक्रम को शुरू किया जा सकता है। इसे मेडिकल पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा।

– ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की भारी कमी है, जिसे दूर करने के लिए समय-समय पर प्रयास किए गए हैं पर खास सफल नहीं हुए।
– मेडिकल छात्र यदि कोर्स के दौरान ही ग्रामीण परिवारों के संपर्क में रहेंगे तो वह गांवों की जरूरतों को समझ सकेंगे और भविष्य में गांवों में तैनाती के लिए भी तैयार हो सकेंगे।

इसलिए यह महत्वपूर्ण
– अभी भी देश की 66 फीसदी आबादी गांवों में रहती है, लेकिन 75 फीसदी डॉक्टर शहरी क्षेत्रों में हैं, इससे काफी दिक्कत आ रही
– वर्तमान में कम्युनिटी मेडिसिन पाठ्यक्रम के डॉक्टरों को ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रेनिंग लेनी होती है लेकिन यह कार्यक्रम उससे बिल्कुल अलग होगा और प्रभावी होने की उम्मीद।

हर साल करीब 85 हजार मेडिकल छात्र लेते हैं दाखिला
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के मुताबिक, देश में 554 मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें हर साल करीब 85 हजार मेडिकल छात्र प्रवेश लेते हैं। पाठ्यक्रम में शामिल होने के बाद नए बैच से इस कार्यक्रम की शुरुआत होगी। लेकिन यह तभी होगा जब चिकित्सा आयोग विभिन्न पक्षों की राय जानने के बाद कार्यक्रम को अपनी मंजूरी प्रदान करे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button