जॉब्स

ट्रैवल और टूरिज्म सेक्टर में है शानदार करियर, पढ़ें कहां- कहां है जॉब के मौके…

कोविड के बाद देश-दुनिया में पर्यटन बढ़ने से इस सेक्टर में अवसर भी बढ़ रहे हैं। यदि आप भी घूमने-घुमाने में रुचि रखते हैं, तो टूरिज्म से संबंधित कोर्स करके इस क्षेत्र में अपने करियर को आगे बढ़ा सकते हैं…

अंशु सिंह। देश की टूरिज्म इंडस्ट्री तेज रफ्तार से बढ़ रही है। हाल में पेश हुए बजट में नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन विकसित किए जाने की घोषणा के बाद से इसकी गति और तेज होने की संभावना बढ़ गई है यानी इस क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक युवाओं के लिए अवसरों की कोई कमी रहने वाली नहीं है। वर्ल्ड ट्रैवल एवं टूरिज्म काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2019 में ट्रैवल एवं टूरिज्म के जीडीपी में योगदान के संदर्भ में भारत का दुनिया के 185 देशों में 10वां रैंक था, जबकि देश के कुल रोजगार में पर्यटन क्षेत्र का योगदान 8.78 प्रतिशत था। कोरोना महामारी के बाद यह सेक्‍टर फिर से तेजी से आगे बढ़ रहा है।

दरअसल, पर्यटन एक ऐसा क्षेत्र रहा है, जिस पर कोविड का व्यापक प्रभाव देखने को मिला। यात्राओं पर पाबंदी लगने से कारोबार मंदा हुआ। लेकिन उसी दौरान अनेक नए प्रयोग भी हुए। होमस्टेज, होटल्स एवं रिजार्ट्स में पेशेवरों के लिए वर्केशन, स्टेकेशन जैसे माडल अपनाए गए। तमाम प्रोटोकाल एवं एहतियाती कदम उठाते हुए उन्हें घर से दूर हिल स्टेशंस पर काम करने की सुविधाएं दी गईं। इससे रिमोट वर्किंग करने वाले लोगों को काफी राहत मिली। साथ ही, स्थानीय स्तर पर भी लोगों को रोजगार मिल सका। आज यह सबसे तेजी से आगे बढ़ता हुआ सेक्टर बन चुका है। इससे काम के नए अवसर पैदा हुए हैं। जो युवा यात्राएं करने के शौकीन हैं, नई-नई जगहों पर जाने, वहां के बारे में जानने की इच्छा रखते हैं, उनके लिए भी इस सेक्‍टर में ढेरों विकल्प खुल गए हैं।

– 14 करोड़ नौकरियां सृजित करने का लक्ष्य है अगले सात साल में पर्यटन के

क्षेत्र में।

– 1742 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है पर्यटन क्षेत्र के बुनियादी ढांचे

के विकास के लिए 2023-24 के केंद्रीय बजट में

– 2030 तक पर्यटन उद्योग के जरिये 56 अरब डालर विदेशी मुद्रा अर्जित करने का

है लक्ष्य

– 10 से 12 अप्रैल के बीच दिल्ली में देश के पहले ग्लोबल टूरिज्म इंवेस्टर्स

समिट के आयोजन में जी-20 के सभी सदस्य देश लेंगे हिस्सा।

बढ़ती संभावनाएं: भारत जैसे विविधता वाले देश में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। यहां की संस्कृति, संगीत, हस्तकला, खानपान से लेकर नैसर्गिक सुंदरता हमेशा से देसी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करती रही हैं। इससे शहरों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी रोजगार के नए अवसर सृजित होते हैं। कुछ समय पूर्व ही पर्यटन मंत्रालय ने कहा था कि वर्ष 2030 तक भारत सरकार ने देश में 14 करोड़ नौकरियां सृजित करने का लक्ष्य रखा है। पर्यटन उद्योग के जरिये करीब 56 अरब डालर की विदेशी मुद्रा अर्जित करने का भी लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

जाहिर है इसे हासिल करने के लिए विशेष तौर पर क्रूज टूरिज्म, इकोटूरिज्म एवं एडवेंचर टूरिज्म

को विकसित करने पर जोर होगा। इसके अलावा, ‘स्वदेश दर्शन-2’ योजना के तहत देश के सीमावर्ती क्षेत्रों एवं गांवों तक पर्यटकों को जोड़ने का प्रयास होगा। योजना के जरिये सभी तीर्थ स्थलों पर परिवहन, रोजगार, भोजन आदि आवश्यक चीजों पर ध्यान दिया जाएगा। घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ‘देखो अपना देश’ मुहिम भी शुरू की जाएगी।

हैं ढेरों विकल्प: नौकरी डाट काम, इंडीड, ग्लासडोर जैसे जाब सर्च पोर्टल्स पर गौर करें, तो पाएंगे कि इन दिनों ट्रैवल एवं टूरिज्म सेक्टर में ट्रैवल कंसल्टेंट, टूरिज्म मैनेजर, टूरिज्म रिलेशनशिप मैनेजर, इनबाउंड टूर मैनेजर, टूर एग्जीक्यूटिव, सेल्स मैनेजर, आउटबाउंड एवं डोमेस्टिक टूर मैनेजर, ट्रैवल काउंसलर, आपरेशंस मैनेजर, ट्रैवल बुकिंग एग्जीक्यूटिव आदि की काफी मांग है। युवा बतौर ट्रैवल एजेंट, टूर गाइड एवं गेस्ट रिलेशन आफिसर भी कार्य शुरू कर सकते हैं। ट्रैवल एजेंट्स जहां पर्यटकों को किसी भी पर्यटन स्थल का विशेष व श्रेष्ठ अनुभव करने में मदद करते हैं, वहीं टूर गाइड उनके संग रहकर विभिन्न डेस्टिनेशंस की सैर कराते हैं। वहां की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक विरासत, खानपान एवं स्थानीय रीति-रिवाजों से परिचय कराते हैं।

इन दिनों क्षेत्र में जिस प्रकार के नए इकोसिस्टम विकसित हुए हैं और फूड, आर्ट एवं हेरिटेज भ्रमण के अलावा होम डाइनिंग की लोकप्रियता बढ़ रही है, उससे भी रोजगार की नई संभावनाएं पैदा हुई हैं। घर बैठे लोग देसी-विदेशी पर्यटकों को अपनी विविध कला, संस्कृति एवं खानपान से रूबरू कराते हैं। इसके अलावा, होमस्टेज, रिजार्ट्स, होटल्स में हाउसकीपिंग, कुक, ड्राइवर से लेकर गेस्ट रिलेशनशिप मैनेजर, टूर गाइड आदि की काफी मांग देखी जा रही है।

कोर्स एवं शैक्षिक योग्यता: पर्यटन क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों की मानें, तो यहां किसी भी स्ट्रीम के छात्र अपना करियर शुरू कर सकते हैं। वैसे, आज देश के प्रतिष्ठित कालेजों एवं विश्वविद्यालयों में ट्रैवल एवं टूरिज्म से संबंधित कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। कोई भी युवा 12वीं के बाद ट्रैवल एवं टूरिज्म में डिप्लोमा, स्नातक या परास्नातक डिग्री प्राप्त कर सकता है। इसके तहत ट्रैवल एवं टूरिज्म मैनेजमेंट, हास्पिटैलिटी एवं ट्रैवल मैनेजमेंट, एयर ट्रैवल मैनेजमेंट आदि कोर्स में कराये जा रहे हैं। चाहें, तो ट्रैवल एवं टूरिज्म में बीबीए और एमबीए भी कर सकते हैं। इससे निजी एवं सरकारी क्षेत्र में अच्छे अवसर मिलने की गुंजाइश बढ़ जाती है। इन दिनों कुछ विश्वविद्यालयों द्वारा पीएचडी करने के भी अवसर दिए जा रहे हैं।

प्रमुख संस्थान

-बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी

-केंद्रीय विश्वविद्यालय, धर्मशाला

केंद्रीय विश्वविद्यालय, जम्मू

जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्लीक्राइस्ट यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु

हर प्रकार की योग्यता वालों के लिए अवसर

आज जब देश के लोगों की क्रय शक्ति बढ़ रही है और वे यात्राओं में रुचि लेकर उस पर खर्च कर रहे हैं, तो इससे पर्यटन क्षेत्र में नए विकल्पों के साथ अवसर भी बढ़ रहे हैं। इस क्षेत्र में हर प्रकार की योग्यता एवं कौशल रखने वाले युवाओं के लिए आगे बढ़ने के अवसर हैं। फिर वह कलाकार हों, शेफ, इंजीनियर, एडवेंचर स्पोर्ट्स में रुचि रखने वाले, वेलनेस एक्सपर्ट, डिजाइनर या बागवानी करने वाले। यहां अपने कौशल के अनुसार, छोटे स्तर पर नई शुरुआत करने से लेकर खुद का व्यवसाय आरंभ कर सकते हैं। टूरिज्म के अलावा युवा इससे जुड़े हास्पिटैलिटी सेक्टर में भी अपनी रुचि अनुसार कार्य कर सकते हैं। सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आज जिस तरह से बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दे रही है और नए एयरपोर्ट, हेलीपोर्ट, वाटर एयरोड्रोम्स, हाइवे के निर्माण के साथ ही रेलवे सेक्टर में निवेश किया जा रहा है, उससे घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को तो बल मिलने की उम्मीद है ही। साथ में ग्रामीण एवं स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button