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UGC के नए नियमों पर होगा विश्वविद्यालयों शिक्षकों का प्रमोशन, जानें Phd व MPhil पर क्या है रूल

पटना
 

बिहार के सभी विश्वविद्यालयों के प्राध्यापकों का प्रमोशन अब यूजीसी के नए मानक के अनुसार होगा। विवि शिक्षकों के प्रमोशन के लिए गठित कुलपतियों की समिति ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) को सौंप दी है। कमेटी के प्रस्तावों पर विमर्श तथा अपनी मंजूरी के बाद रूस इसे शिक्षा विभाग को भेजेगा।  गौर हो कि राज्य के विश्वविद्यालयों में प्राध्यापकों का प्रमोशन अभी तक यूजीसी के  2005 के परिनियम के आधार पर होता था, जबकि यूजीसी इस बीच  2010  और  2018  में परिनियम प्रभावी कर चुका है। इसके मद्देनजर शिक्षा विभाग ने बिहार के विश्वविद्यालयों में सहायक प्राध्यापकों के प्रमोशन पर रोक लगा दी थी। अब नया परिनियम लागू होने के बाद  विवि शिक्षकों  के प्रमोशन का रास्ता साफ हो गया है।

कई प्रकार के मानकों में बदलाव
जानकारी के मुताबिक नए परिनियम के तहत सहायक प्राध्यापक  (लेवल 10)  से वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक  (लेवल 11) में प्रमोशन के लिए चार साल की सेवा के साथ पीएचडी अनिवार्य कर दी गई है। या पांच साल की सर्विस के साथ एमफिल और प्रोफेशनल कोर्स में डिग्री अनिवार्य होगी। साथ ही उन्हें रिसर्च मेथेडोलॉजी में भी अनुभव प्राप्त करना होगा। प्रमोशन के लिए रिसर्च पेपर का प्रकाशन, रिफ्रेशर कोर्स और प्रमोशन स्क्रीनिंग कमेटी की गुड ग्रेड भी हासिल होनी चाहिए। सहायक प्राध्यापक सीनियर लेवल  11  से  12  में प्रमोशन के लिए सहायक प्राध्यापक लेवल  12  से एसोसिएट प्रोफेसर,  सहायक प्राध्यापक से प्रोफेसर,  प्रोफेसर से सीनियर प्रोफेसर और लाइब्रेरियन से प्रोफेसर के लिए विशेष मानक तैयार किए जा रहे हैं।
 
बिहार उच्चतर शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष प्रो. कामेश्वर झा ने कहा कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों में सहायक प्राध्यापकों के प्रमोशन के लिए परिनियम तैयार किया गया है। इसमें प्रमोशन के लिए नए मानक निर्धारित किए गए हैं। नए मानक पूराने मानक की तुलना में सख्त हैं। जल्दी ही परिनियम को मंजूरी के लिए शिक्षा विभाग के जरिए राजभवन भेजा जाएगा। शिक्षा विभाग राज्य के विश्वविद्यालयों के एकेडमिक स्तर को सुधारने के लिए लगातार काम कर रहा है।

 

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