हॉक फोर्स में 20% पद खाली, पद भरने का प्रस्ताव कई महीनों से ढऌद में लंबित
भोपाल
प्रदेश में नक्सलियों पर नकेल कसने के लिए बनाए गए हॉक फोर्स में लगभग बीस फीसदी अमला खाली है। जबकि अब हॉक फोर्स की जरुरत दो से बढ़ कर तीन जिलों में होने लगी है। इसके बाद भी इस फोर्स में खाली पड़े पदों को नहीं भरा जा रहा है।
सूत्रों की मानी जाए तो प्रदेश के हॉक फोर्स में 1272 का स्वीकृत बल है। पहले यह बल बालाघाट और मंडला में ही कैम्प करता था, लेकिन पिछले साल जुलाई में डिंडौरी को भी नक्सल प्रभावित जिलों में शामिल कर लिया गया। इसी दौरान हॉक फोर्स का बल धीरे-धीरे कम होने लगा। नक्सलियों से लौहा लेने वाले इस फोर्स में 250 के लगभग जवानों के पद फिलहाल रिक्त हैं। रिक्त पदों की पूर्ति के लिए पुलिस मुख्यालय में प्रस्ताव लंबित हैं।
बन रही प्रतिनियुक्ति की नई पॉलिसी
रिक्त पदों को भरने के लिए हॉक फोर्स में प्रतिनियुक्ति की नई पॉलिसी बनाई जा रही है। यहां पर प्रतिनियुक्ति पर जाने वाले जवानों को जोखिम भत्ता मिलता है। इसके साथ ही कुछ अन्य सुविधाएं भी उन्हें अलग से दी जाती है। प्रतिनियुक्ति की नई पॉलिसी बनाने पर पीएचक्यू में इन दिनों विचार चल रहा है। इसके चलते फिलहाल हॉक फोर्स में प्रतिनियुक्ति पर अघोषित रोक लगी हुई है।
तीन सौ का ही और चाहिए बल
हॉक फोर्स का स्वीकृत बल दो जिलों के लिए ही माना जाता था, ऐसे में नक्सल प्रभावित जिलों में एक और जिले को शामिल किए जाने के बाद हॉक फोर्स में तीन सौ का बल और बढ़ाए जाने का प्रस्ताव भी पूर्व से ही पुलिस मुख्यालय में लंबित है। यह प्रस्ताव उस वक्त बना था जब डिंडौरी को भी नक्सल प्रभावित जिलों में शामिल किया गया था।