भोपालमध्य प्रदेश

42 SPS, IPS बनने से पहले हो जाएंगे रिटायर

भोपाल
आईपीएस अफसरों का कॉडर रिव्यू नहीं होने के कारण राज्य पुलिस सेवा (एसपीएस) के 42 अफसर बिना आईपीएस बने ही रिटायर हो जाएंगे। एसपीएस से आईपीएस बनने के लिए 56 साल की उम्र बड़ी बाधा बनकर प्रदेश के अफसरों के सामने खड़ी हो गई है। वर्ष 1998 से लेकर 2002 बैच में कुल 96 अफसर हैं। जिनमें से इतनी बड़ी संख्या में अफसरों को अपने पूरे सेवाकाल में महज एक ही पदोन्नति मिल सकेगी।

 राज्य पुलिस सेवा से आईपीएस बनने की अधिकतम उम्र 56 साल है। ऐसे में जो गति प्रदेश में फिलहाल चल रही है उससे वर्ष 1996 से लेकर 2002 बैच के 42 अफसरों की आईपीएस बनने की बारी आने से पहले ही 56 साल को पार कर जाएगी। ऐसे में ये अफसर आईपीएस बनने से चूक जाएंगे। खासबात यह है कि इन्हें सिर्फ सीएसपी या एसडीओपी से सिर्फ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के पर पर ही अपने पूरे सेवाकाल में पदोन्नति मिल सकेगी।

ये भी हो रहे रिटायर
वर्ष 1996 और वर्ष 1997 बैच के भी दो अफसर बिना आईपीएस बने रिटायर होने वाले हैं। वर्ष 1996 बैच के गोपाल प्रसाद खाण्डेल इसी महीने रिटायर होने जा रहे हैं। इनके बाद वर्ष 1997 बैच के मुन्ना लाल चौरसिया इस साल दिसंबर में रिटायर हो जाएंगे। इन दोनों अफसरों को अपनी सेवाकाल के 25 और 26 साल में सिर्फ एसडीओपी से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के पद पर ही पदोन्नति मिल सकी।

ये बड़े कारण
इतनी बड़ी संख्या में एसपीएस अफसरों का आईपीएस बने बिना रिटायर होने के दो बड़े कारण माने जा रहे हैं। वर्ष 1995 बैच में ज्यादा संख्या में अफसर आए। इस बैच के सभी अफसरों को आईपीएस बनने में ही 6 साल का समय लग गया। नतीजे में इस बैच के कुछ अफसर अगले साल डीआईजी बन जाएंगे, जबकि कई अफसर एसपी के पद पर ही रहेंगे। वहीं आईपीएस कॉडर रिव्यू भी समय पर नहीं होने से यह स्थिति बनी हुई है। प्रदेश में वर्ष 2018 में कॉडर रिव्यू होना था, चार साल बाद अब तक यह रिव्यू नहीं हो सका है। आईपीएस कॉडर रिव्यू यदि 2018 में होता तो उसके बाद का रिव्यू पांच साल बाद यानि 2023 में होता।

अवार्ड में पिछड़ा एमपी
राज्य पुलिस सेवा के अफसरों को आईपीएस दिलाने में मध्य प्रदेश पिछड़ रहा है। प्रदेश इस मामले में कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, गुजरात, तमिलनाडु, बिहार, महाराष्टÑ और राजस्थान जैसे बड़े राज्यों से भी पीछे हैं। इनमें से कुछ राज्यों में वर्ष 2009 के रापुसे अफसरों को आईपीएस अवार्ड हो चुका है। जबकि प्रदेश में अब तक 1996 बैच के एसपीएस अफसरों को ही आईपीएस अवार्ड मिला है। मप्र में आईपीएस कॉडर रिव्यू मांग अनुसार नहीं होने के चलते यह परिस्थिति बनी कि यहां पर 26 साल की नौकरी करने के बाद रापुसे के अफसरों को आईपीएस अवार्ड हो रहा है। इस साल आईपीएस कॉडर रिव्यू होने की संभावना है, लेकिन इसमें भी बहुत ज्यादा पद राज्य पुलिस सेवा के अफसरों को आईपीएस बनने के लिए नहीं मिलेंगे।

कहां कब तक के एसपीएस बने आईपीएस
कर्नाटक में वर्ष 2009, उत्तराखंड और पश्चिम  बंगाल में 2007, गुजरात में 2005, केरल में 2004, तमिलनाडु और झारखंड में 2002, बिहार में 1999, छत्तीसगढ़, महाराष्टÑ में 1998 और राजस्थान में 1996 बैच के एसपीएस अफसरों को आईपीएस अवार्ड हो चुका है। जबकि मध्य प्रदेश में अभी वर्ष 1995 ही पूरा हुआ है और वर्ष 1996 बैच के 2 अफसर ही आईपीएस बन सके हैं।

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