इंदौर
इंदौर के सांवेर इलाके में 5 फैक्ट्री सील कर दी गईं। बुधवार को साधु-संतों का दल इंदौर आया था। उन्होंने ट्रीटमेंट प्लांट को देखा। सांवेर इलाके की फैक्ट्री को लेकर शिकायत की। कहा कि इनका गंदा पानी क्षिप्रा में मिल रहा है। देर शाम नगर निगम ने शिकायत पर एक्शन लिया।
चार फैक्टरियों में उत्पाद बंद करवाने के लिए विद्युत कनेक्शन काटे गए। मप्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अफसरों के मुताबिक इन उद्योगों से निकलने वाले दूषित पानी को उपचारित करने की कोई व्यवस्था नहीं थी और ये नियमों का उल्लंघन कर कार्य कर रहे थे।
जानकारों के मुताबिक कबीटखेड़ी व अन्य सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से कान्ह नदी में जो उपाचारित पानी छोड़ा जा रहा था उद्योगों द्वारा छोड़े जाने वाले पानी के कारण वो भी आगे जाकर दूषित हो रहा था। बुधवार को निगम, प्रशासन व मप्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल की टीम ने सांवेर औद्योगिक क्षेत्र के ई सेक्टर में संचालित मेसर्स जीएनएस इंडस्ट्रीज के संचालक कपिलेश रमनानी पर कार्रवाई कर फैक्ट्री सील की। इसके अलावा मेसर्स जयश्री सालासर इंडस्ट्रीज के संचालक गणेश विजयवर्गीय, मेसर्स जीआरवी बिस्किटस प्रायवेट लिमिटेड संचालक मनवे सिंह ग्रेवाल, औद्योगिक क्षेत्र के एफ सेक्टर में मेसर्स कुंदन इंटरप्राइजेस संचालक रवि जादम, ई सेक्टर में संचालित मेसर्स एस एंड श्रीफल कन्फेक्शनर प्रायवेट लिमिटेड के संचालक नीरज वाधवानी के विरूद्ध कार्यवाही की।
कलेक्टर को देना है रिपोर्ट
कलेक्टर मनीष सिंह ने एडीएम पवन जैन को लेकर 6 अफसरों की टीम बनाई है। क्षिप्रा में मिल रहे गंदे पानी को लेकर 10 दिन में रिपोर्ट मांगी है। साधु-संत भी इंदौर, उज्जैन, देवास कलेक्टरों को भी एक रिपोर्ट तैयार कर देंगे। क्षिप्रा में दूषित पानी कैसे और कहां से मिल रहा है, इसकी हकीकत बताई जाएगी।