अचलेश्वर ट्रस्ट का मामला: न्यायालय ने प्रशासनिक अधिकारियों की समिति से पेश करने को कहा प्रस्ताव
ग्वालियर। आगामी एक मार्च को मनाई जाने वाली महाशिवरात्रि का आयोजन धूमधाम से करने के लिए न्यायालय ने प्रशासनिक अधिकारियों की समिति से प्रस्ताव पेश करने के लिए कहा है। समिति को यह बताना होगा कि महाशिवरात्रि के अवसर पर किस तरह से व्यवस्थाएं की जाएंगी, और उसमें कितनी राशि खर्च होगी। इसके साथ ही न्यायालय ने अचलेश्वर ट्रस्ट द्वारा कराई गई 20 लाख की एफडी बिना अनुमति तुड़वाने पर भी स्पष्टीकरण मांगा है।
न्यायालय ने गुरुवार को हुई सुनवाई में स्पष्ट किया कि ट्रस्ट का कोई भी पूर्व पदाधिकारी मंदिर की किसी भी व्यवस्था में भाग नहीं लेंगे। न्यायालय ने रिसीवर की नियुक्ति नहीं होने तक उचित संख्या में सीलबंद दान पेटियां रखवाने की बात कही। गौरतलब होगा कि अचलेश्वर ट्रस्ट के संचालन में आर्थिक अनियमितता का आरोप लगाते हुए आवेदन पेश किया गया था। जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने नई कार्यकारिणी के गठन होने तक पांच सदस्यीय कमेटी बनाई है। जिसमें कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह, निगमायुक्त किशोर कन्याल, माफी अधिकारी, एसएसपी अमित सांघी व सीएसपी इंदरगंज को शामिल किया गया है।
पांच सदस्यीय समिति करेगी निगरानी
मंदिर के संचालन में किसी प्रकार की अनियमितता तो नहीं बरती जा रही, इसकी निगरानी के लिए न्यायालय ने पांच सदस्यीय समिति बनाई है। लोक अभियोजक विजय शर्मा की अध्यक्षता में बनाई गई समिति में अपर लोक अभियोजकगण मृत्युंजय गोस्वामी, धर्मेंद्र शर्मा, चंद्रेश श्रीवास्तव और वरुण शर्मा को शामिल किया गया है। अगली सुनवाई 25 फरवरी को होगी। समिति को इस दिन पूर्व में किए गए निरीक्षण के संबंध में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया है।