750 करोड़ लेने के बाद सरकार विद्यार्थियों को नहीं दे सकी सही दस्तावेज
भोपाल
देशभर में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) के डीएलएड (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) में प्रवेश लेने वाले चार लाख विद्यार्थी आज भी अंकसूची के लिये भटक रहे हैं। केंद्र सरकार के पास भोपाल क्षेत्रीय कार्यालय के करीब पांच हजार विद्यार्थी अपनी अंकसूची और डिप्लोमा का समाधान तलाश रहे हैं। इसकी वजह केंद्र सरकार ने विद्यार्थियों से 750 करोड़ विद्यार्थियों से लिए जरूर, लेकिन उन्हें सही दस्तावेज नहीं दे सकी और प्रोजेक्ट पर विराम लगा दिया है। इससे हर विद्यार्थी की हजारों रुपए की फीस और तीन से चार साल का समय बर्बाद हुआ है।
केंद्र सरकार ने 2017 से 2019 के बीच एनआईओएस के माध्यम से डीएलएड में प्रवेश कराकर विद्यार्थियों को डिप्लोमा सौंपा है। उक्त दो साल में देशभर में करीब चार लाख विद्यार्थियों का डिप्लोमा और अंकसूची आज भी उलझी हुई है, क्योंकि उन्हें समय रहते कोई सूचना नहीं दी गई है। यहां तक भोपाल रीजनल में आने वाले करीब पांच हजार विद्यार्थी अपनी अंकसूची और डिप्लोमा के लिये यहां वहां भटक रहे हैं। उन्हें रीजनल आफिस से कोई राहत नहीं मिल रही हैं। यहां तक उन्हें कोई संतोषजनक जवाब देने वाला तक कोई नहीं हैं।
प्रदेशभर से विद्यार्थी मानस भवन स्थित रीजनल आफिस पहुंच रहे हैं। जबकि केंद्र सरकार ने एनओआईसी से परीक्षा कराने के लिये विद्यार्थियों 15-15 हजार रुपये लिए हैं। इसके बाद भी विद्यार्थी निराश है। पन्ना के एक स्टूडेंट्स ने बताया कि एग्जाम देने के बाद भी उन्हें अब्सेंट बताया गया। यही नहीं अंकसूची में माता की जगह पिता और पिता की जगह माता का नाम लिखा है। इसे सुधरवाने के लिए कई बार शिकायत की पर कोई सुधार नहीं हुआ। अभी निकलने वाली टीचर्स की वैकेंसी में भी फार्म नहीं भर सकेंगे।
केंद्र सरकार ने डिप्लोमा करने वाले विद्यार्थियों की सप्लीमेंट्री, अंकसूची में त्रुटिसुधार, प्रैक्टिकल, अंकों का जोड़, नाम में संशोधन सहित कोई भी गड़बड़ी को सुधारने का तीन बार मौका दिया। स्टडी सेंटरों ने विद्यार्थियों को इस संबंध में कोई सूचना नहीं दी। इससे विद्यार्थी आज भी परेशान घूम रहे हैं। इस संबंध में हाईकोर्ट में करीब 80 प्रकरण दर्ज हुए। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के पक्ष में फैसला दिया। यहां तक संसद में डिप्लोमा में प्रोजेक्ट पूर्ण होने के बाद कोई गतिविधि संचालित करने के संबंध में कार्यवाही पूर्ण कर दी है।
रीजनल कार्यालय के एक अफसर का कहना है कि विद्यार्थियों को तीन अवसर दिये गये, ताकि वे समय रहते अपनी गलतियों और परीक्षा परीक्षा को ठीक करा सकें। इसकी सूचना स्टडी सेंटर को कई बार भेजी गई। यहां तक जाहिर सूचना तक प्रकाशित कराई गई। केंद्रों ने विद्यार्थियों को अवगत कराना जरूरी नहीं समझा। इसके चलते सभी समस्यां सामने आ रही हैं।