ग्वालियरमध्य प्रदेश

कृषि विभाग की कस्टम हायरिंग योजना ने पवन कुमार नागर को एक साथ दो ट्रेक्टरों का मालिक बनाया

मुरैना
मुरैना विकासखण्ड के ग्राम बिजौली पुरा निवासी पवन कुमार नागर को कृषि विभाग की कस्टम हायरिंग योजना ने एक साथ दो ट्रेक्टरों का मालिक बना दिया। इसमें मध्यप्रदेश शासन द्वारा 8 लाख रूपये की भी सब्सिडी प्रदान की है।                  

पवन कुमार पुत्र राजाराम नागर पर पिता की पुस्तेनी 14 बीघा जमीन है, पिता का साया बचपन में ही उठ चुका था। किंतु बड़े भाई ताराचन्द्र का इतना सहयोग रहा कि पूरी गृहस्थी के साथ परिवार की गाड़ी किन्ही परिस्थितियों में चलती रही। पिता की पुस्तेनी जमीन पर दोंनो भाई दूसरों के ट्रेक्टरों से भाड़े पर जमीन कराया करते थे। पवन कुमार नागर ने बताया कि कभी-कभी भाड़े का ट्रेक्टर समय पर नहीं मिलता था, तो खेती की बुबाई समय पर नहीं हो पाती थी। अक्सर यह चिंता सताती थी कि अपना ट्रेक्टर होता तो खेती की समय पर बुबाई कर सकते थे। दूसरों के भरोसे से खेती कराना हमारे लिये मजबूरी बना हुआ था।
    
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संभाग स्तर पर कस्टम हायरिंग योजना संचालित की। योजना में मेरे द्वारा अगस्त-2021 में आवेदन ग्वालियर कृषि विभाग में जमा किया। इस योजना में चंबल-ग्वालियर संभाग के आठों जिलों में कृषकों ने आवेदन ऑनलाइन प्रस्तुत किये। जिसमें मेरा आवेदन भी दूसरे नंबर पर था। चयन सूची में चंबल संभाग से मेरा नाम लॉटरी में चयनित हुआ और मुझे 30 लाख रूपये की कस्टम हायरिंग योजना में स्वीकृति मिली। जिसमें मुझसे 6 लाख रूपये की राशि एक मुश्त जमा करवाई गई और 8 लाख रूपये की सब्सिडी प्रदान की। इसके अलावा शेष 17 लाख रूपये का ऋण मंजूर किया गया। इस राशि से मुझे दो ट्रेक्टर, एक थ्रेसर, एक प्लाटा प्लाऊ, एक मल्टी पल्टा, एक रोला बेटर, एक कल्टी वेटर, एक स्टार रीफर और एक सीट कम हर्टिलाइजर खेतों में बीज बोने के लिये यंत्र प्राप्त हुये।
    
यह मेरे और मेरे भाई ताराचंद के लिये मुरैना जिले में अनोखी मिसाल बन गई। आसपास के ग्रामीणजन मुझे इस योजना के बारे में बधाई देने लगे। कई लोग कह रहे थे कि इस योजना का लाभ हमको मिल जाता तो हमारा परिवार भी शासन का शुक्रगुजार होता।   
   

पवन कुमार नागर ने खुशी जाहिर करते हुये कहा कि पिता की तमन्ना प्रदेश सरकार ने पूरी कर दी है। अब हम दोंनो ट्रेक्टरों से अपनी खेती तो करेंगे ही साथ में दूसरे लोगों की खेती को भी करना प्रारंभ करेंगे, जिससे हमको भी आय होगी और दूसरो की खेती समय पर करा सकेंगे। मैं प्रदेश सरकार का बार-बार धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने हम जैसे किसानों का सपना साकार किया।

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