बाबा महाकाल पालकी में सवार होकर प्रजा का हाल जानने निकले

उज्जैन
श्रावण मास के दूसरे सोमवार को उज्जैन में राजाधिराज बाबा महाकाल पालकी में सवार होकर प्रजा का हाल जानने निकले हैं। सभामंडप में महाकाल ने चंद्रमौलेश्वर रूप में दर्शन दिए। कलेक्टर आशीष सिंह ने पूजा-अर्चना की। पुलिस ने महाकाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इसके बाद सवारी शुरू हुई। सवारी शिप्रा नदी के रामघाट पर पहुंची। यहां पूजा-अर्चना के बाद सवारी रवाना हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती भी दर्शन के लिए उज्जैन पहुंची हैं।
रामघाट के बाद भगवान महाकाल की सवारी गोपाल मंदिर पहुंची। जहां हरि-हर मिलन हुआ। इसके बाद सवारी महाकाल मंदिर के लिए रवाना हो गई।
सवारी मार्ग पर भक्तों ने जयकारे के साथ भगवान महाकाल पर पुष्प वर्षा की। पालकी के साथ पुजारी, पुरोहित भजन मंडली की टोली मौजूद है। डमरू, झांझ, ढोल बजते भजन मंडली के भक्तों ने जयकारे लगा कर भगवान महाकाल का गुणगान करते चल रहे हैं।
परंपरा के अनुसार मंदिर के मुख्य द्वार पर भगवान चंद्रमौलेश्वर को सशस्त्र पुलिस बल के जवानों के द्वारा सलामी दी गई। इसके बाद सशस्त्र बल की टुकड़ी मार्च पास्ट करते हुए सवारी के आगे चल रही है। यह परंपरा राजा की सुरक्षा और भगवान महाकाल के वैभव को दर्शाता है।
रामघाट पर जलाभिषेक कर आरती
सवारी के शिप्रा नदी के रामघाट क्षेत्र में पहुंची। रामघाट पर शिप्रा के जल से भगवान का अभिषेक पूजन कर आरती की जाती है। शिप्रा से मिलने के बाद बाबा सवारी नगर की ओर रवाना होती है।