भोपालमध्य प्रदेश

26 जनवरी से होगा स्वच्छता सर्वे, सर्वेक्षण प्रक्रिया में 300 अंकों की होगी रैंकिंग

भोपाल
स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 में सभी शहरों को कचरा मुक्त बनाने और ऐसे शहरों की स्टार रेटिंग कराई जाएगी। सभी नगर निगमों को 5-स्टार और अन्य नगरीय निकायों को 3-स्टार दिलाने के लिए 26 जनवरी से स्वच्छ प्रतिष्ठान सर्वेक्षण शुरू किया जाएगा। यह अभियान 15 दिवस चलेगा। इसको लेकर नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने सभी सांसद और विधायकों को पत्र लिखा है। इसमें जन-प्रतिनिधियों से अभियान में सक्रिय भागीदारी करने का आग्रह किया गया है ताकि अभियान को गति मिले। सर्वेक्षण में चयनित प्रतिष्ठानों को 14 फरवरी को पुरस्कृत किया जाएगा। विजेता प्रतिष्ठान को निकाय द्वारा सिंबल आॅफ क्लीनलीनेस सम्मान से नवाजा जाएगा। साथ ही चयनित प्रतिष्ठानों को राज्य स्तरीय टीम के अवलोकन के बाद राज्य स्तरीय पुरस्कारों के लिए भी नामांकित किया जाएगा।

इन प्रतिष्ठानों का होगा सर्वे
रेटिंग के लिए सर्वे में आने वाले प्रतिष्ठानों मेंं निजी एवं शासकीय कार्यालय, बैंक, छोटी-बड़ी दुकानें, शो-रूम, अस्पताल, क्लीनिक, होटल, रेस्टोरेंट, स्कूल आदि शामिल हैं। स्वच्छ शब्दावली में इन्हें बल्क वेस्ट जनरेटर कहा जाता है। इनके बीच ही स्वच्छ प्रतिस्पर्धा की जाएगी। स्टार रेटिंग के आधार पर इनकी राज्य स्तरीय रैकिंग भी होगी। सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य प्रतिष्ठानों को स्वच्छता और कचरा प्रबंधन के लिए प्रोत्साहित करना है। स्वच्छ प्रतिष्ठान सर्वेक्षण में अलग-अलग श्रेणी में रैकिंग होगी। इसमें स्वच्छ पाठशाला, स्वास्थ्य संस्थाएं, होटल एवं रेस्टोरेंट, कार्यालय, हॉकर्स जोन और स्वच्छ बाजार की श्रेणी शामिल होंगी।

सभी 407 नगरीय निकायों में स्थित प्रतिष्ठानों से आॅनलाइन संवाद कर सर्वेक्षण प्रक्रिया के बारे में बताया जाएगा। प्रतिष्ठानों की रैंकिंग 300 अंकों की होगी जो तीन माध्यमों से की जाएगी। प्रथम रैंकिंग के लिए एक गूगल लिंक जारी की जाएगी। लिंक में संस्थान जानकारी सबमिट करेंगे। इस जानकारी के आधार पर 100 में से अंक दिए जाएंगे। द्वितीय रैंकिंग में निकाय स्तर पर जन-प्रतिनिधियों महिलाओं, बुद्धिजीवियों/अशासकीय संगठनों की एक समिति बनाई जाएगी। समिति प्रतिष्ठानों का भ्रमण कर उन्हें कुल 100 में से अंक देगी। तृतीय रैंकिंग फार्मेट में नागरिकों से स्वच्छता के संबंध में फीडबैक/प्रतिक्रिया आमंत्रित की जाएंगी। फीडबैक के आधार पर संस्थान को कुल 100 में से अंक दिए जाएंगे। तीनों माध्यमों से प्राप्त अंकों के औसत के आधार पर रैंकिंग की जाएगी। रैंकिंग के निकाय स्तरीय परिणामों के आधार पर समस्त श्रेणियों में जिला स्तरीय रैंकिंग की जाएगी।

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