भोपालमध्य प्रदेश

मानसून शुरू होने के पहले पूर्ण कर लें अमृत सरोवरों का निर्माण – मुख्यमंत्री चौहान

भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश में मिशन अमृत सरोवर के क्रियान्वयन को निरंतर सफलता मिल रही है। प्रत्येक जिले में 75-75 अमृत सरोवर बनाने के लक्ष्य को पाने के लिए विभिन्न विभाग समन्वय से कार्य कर रहे हैं। जन-प्रतिनिधि और नागरिक भी सरोवर निर्माण में सहयोगी बने हैं। मुख्यमंत्री चौहान आज समत्व भवन में अमृत सरोवर निर्माण की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। बताया गया कि मध्यप्रदेश अमृत सरोवर के पूर्ण कार्यों की संख्या के आधार पर देश में द्वितीय स्थान पर है। प्रदेश में 2,657 अमृत सरोवर बन चुके हैं। इस वर्ष 5,372 अमृत सरोवर निर्माण का लक्ष्य है।

मुख्यमंत्री चौहान ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रत्येक पंचायत से एक ऐसे व्यक्ति को अमृत सरोवर निर्माण से अवश्य जोड़ा जाए, जिसकी जल-संरक्षण में रूचि हो। इसी तरह उपयोगकर्ता समूहों को बनाने और उनकी संख्या बढ़ाने के प्रयास भी किए जाएँ। मानसून प्रारंभ होने के पहले सभी अमृत सरोवर बन कर तैयार हो जाएँ, यह लक्ष्य रखें।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का स्वप्न है कि मिशन अमृत सरोवर से जल-संग्रहण क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हो, सामुदायिक गतिविधियाँ बढ़े, विद्यार्थियों में जल-संरक्षण को लेकर जागरूकता बढ़े और अमृत सरोवर जन-भागीदारी का उदाहरण बन जाएँ। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की इसी भावना के अनुरूप मध्यप्रदेश में कार्य किया जा रहा है। प्रदेश की उपलब्धियाँ गर्व करने योग्य हैं। यह भी प्रयास किया जाए कि अमृत सरोवर पिकनिक स्थल के रूप में विकसित हों। सौन्दर्यीकरण के कार्यों को भी शीघ्रता से पूर्ण किया जाए।

मिशन संबंधी प्रेजेंटेशन में बताया कि मध्यप्रदेश में 5372 अमृत सरोवर के निर्माण कार्य प्रारंभ हुए, जिनमें से 2657 पूर्ण हो गए हैं। अमृत सरोवर निर्माण के लिए मध्यप्रदेश में योजना में केवल नवीन कार्य ही लिए गए और अंतर्विभागीय समन्वय पर भी जोर दिया गया है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के साथ जल-संसाधन, वन, मत्स्य-विकास सहित नेशनल हाइ-वे अथारिटी एवं रेलवे जैसे संस्थान सहयोगी बने हैं। वित्तीय स्त्रोत के रूप में मनरेगा, वॉटर शेड विकास, 15वें वित्त आयोग और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की राशि का उपयोग किया गया। जन-सहभागिता से कार्य आसान हुए हैं। अमृत सरोवर निर्माण में जो जिले आगे हैं, उनमें छिंदवाड़ा, मुरैना, बैतूल, मंदसौर और बुरहानपुर शामिल हैं। सरोवर निर्माण में 4 हजार से अधिक पंचायत प्रतिनिधि, 5 हजार से अधिक पंचायत स्तरीय अधिकारी और सवा 2 हजार उपयोगकर्ता समूह सहभागी बने हैं।

शहीदों को समर्पित हैं सरोवर, सिंघाड़ा और मत्स्य-उत्पादन का हो रहा कार्य

अमृत सरोवरों पर 3 हजार 955 फ्लैग पोस्ट बनी हैं, जहाँ स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस पर ध्वज फहराने का कार्य भी हुआ है। यही नहीं सामाजिक सरोकारों को ध्यान में रखते हुए अनेक स्वतंत्रता सेनानियों और अमर शहीदों के नाम 63 अमृत सरोवर समर्पित किए गए हैं। इसी तरह ऐतिहासिक महत्व के 116 स्थान के निकट सरोवर बनाए गए हैं। प्रदेश में धार्मिक महत्व के 231 स्थान के निकट और जैव विविधता-संरक्षण की दृष्टि से 342 अमृत सरोवर निर्मित हुए हैं। बहुउद्देशीय आर्थिक लाभ के लिए भी सरोवर चिन्हित किए गए हैं। मत्स्य-उत्पादन में 2409, सिंघाड़ा उत्पादन में 1505 और पर्यटन के उद्देश्य से 199 सरोवर का उपयोग किया जा रहा है।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास मलय श्रीवास्तव और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button