जिले में 30 नवंबर को 663 केन्द्रों पर लगेंगे कोरोना केे टीके

जिले में 30 नवंबर को 663 केन्द्रों पर लगेंगे कोरोना केे टीके

सीहोर। कोरोना के नए वेरियंट से उत्पन्न संभावित तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए पर्याप्त सावधानियां जरूरी है। कोविड वैक्सीन के दोनों डोज कोरोना के विरूद्ध लड़ाई में कारगर है। सभी नागरिकों से अपील है कि वे दूसरा डोज अवश्य लगवाएं। सेकंड डोज से छूटे हुए व्यक्तियों के वैक्सीनेशन के लिए विशेष जागरूकता एवं घर-घर टीकाकरण अभियान संचालित किया जा रहा है। टीके पश्चात भी पर्याप्त सावधानियां जरूरी है, जिसमें मास्क पहनना, सामाजिक दूरी, समय-समय पर साबुन से हाथ धोना अथवा सेनीटाईजर का उपयोग किया जाना जरूरी है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुधीर कुमार डेहरिया ने जानकारी दी कि जिले में 30 नवंबर को 663 टीकाकरण केन्द्रों पर वैक्सीन लगाई जाएगी। निर्धारित सेंटर्स पर करीब 71 हजार 960 हितग्राहियों को वैक्सीनेशन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिले में 30 नवबंर को 72 हजार 310 हितग्राहियों को वैक्सीनेट किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। आष्टा में 13 हजार 600, बुदनी में 7460, इछावर में 15 हजार 220, नसरूल्लागंज 12 हजार 180, श्यामपुर 21 हजार 600 तथा शहरी क्षेत्र सीहोर में 2250 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। आष्टा विकासखंड में 160 टीकाकरण सत्र आयोजित किए जाएंगे। बुदनी में 60, इछावर में 110, नसरूल्लागंज में 87, श्यामपुर में 216 तथा जिला चिकित्सालय में 30 टीकाकरण सत्र आयोजित किए जाएंगे।
सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार आदि लक्षण दिखने पर डॉक्टर की सलाह लें-
स्वास्थ्य विभाग ने सलाह दी है कि किसी भी व्यक्ति को सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ, सिरदर्द, भूख न लगना, दस्त लगना आदि के लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। आमतौर पर देखा गया है कि मरीज घर पर ही पारंपरिक उपचार लेते रहते हैं। ठीक होने की उम्मीद में 5 से 7 दिन गुजार देते हैं, जिससे स्वास्थ्य लाभ होने के बजाय उनकी बीमारी और बढ़कर जटिल हो जाती है। ऐसे लोंगो को अस्पताल में भर्ती करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में अगर कोविड-19 की जांच पॉजीटिव आती है तो उपचार और जटिल हो जाता है। ऐसे मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट या आईसीयू में भर्ती कर उपचार करना पड़ता है। ऐसी बीमारियों से प्रभावित व्यक्तियों को सलाह दी है कि उन्हें सर्दी, खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ, सिरदर्द, हाथ-पैरों में दर्द, शरीर में ऐठन, भूख न लगना, खाने व सूघंने में स्वाद का पता न लगना आदि लक्षणों के आते ही वे तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें।
पुरूष नसबंदी पखवाड़ा पर बैठक आयोजित-
पुरुष नसबंधी पखवाड़ा जिले में 21 नवबंर से 4 दिसंबर तक मनाया जा रहा है। पुरूष नसबंदी पखवाड़ा के तहत सीएचसी बुदनी, पीएचसी शाहगंज एवं बकतरा में बैठक आयोजित की गई। इसमें विकासखंड में प्रति शुक्रवार होने वाले नसबंदी कैम्प में महिला एवं पुरूष हितग्राहियों को अधिक से अधिक प्रोत्साहित कर नसबंदी कराने के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं। सप्ताह के प्रत्येक शुक्रवार को सीएचसी बुदनी एवं रेहटी में एलटीटी नसबंदी कैम्प आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें एलटीटी विशेषज्ञ सर्जन डॉ. सुधीर विजयवर्गीय द्वारा एलटीटी एवं एनएसव्हीटी ऑपरेशन किए जाते हैं।