भोपालमध्य प्रदेश

प्रदेश में जनजातीय क्षेत्रों में औषधीय पौधों के जरिये रोजगार के अवसर सृर्जित करें

भोपाल

आयुष राज्य मंत्री (स्वंतत्र प्रभार) रामकिशोर (नानो) कावरे ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि अनुसूचित जनजातीय क्षेत्रों के निवासियों के आर्थिक उन्नयन के लिए औषधीय पौधों की खेती को अधिकाधिक प्रोत्साहित किया जाये। राज्य मंत्री कावरे आज मंत्रालय में देवारण्य योजना की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में प्रमुख सचिव आयुष श्रीमती करलिन खोंगवार देशमुख भी मौजूद थीं।

राज्य मंत्री कावरे ने बताया कि योजना में किसानों के स्व-सहायता समूह बनाये जा रहे हैं। किसानों को औषधीय पौधों की खेती के लिये प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है। औषधीय पौधों की विशेषताओं के कारण प्रदेश को 9 औषधीय क्षेत्र में वर्गीकृत किया गया है। योजना के क्रियान्वयन के लिये राज्य स्तर, जिला स्तर, ग्राम स्तर पर समितियों का गठन किया गया है। योजना का क्रियान्वयन आयुष विभाग के साथ-साथ उद्यानिकी, किसान-कल्याण, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, वन विभाग, राज्य लघु वनोपज संघ और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग मिलकर कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि योजना में औषधीय एवं सुगंधित उत्पादों की प्रोसेसिंग और मार्केटिंग के लिये भी व्यवस्था की गई है। राज्य मंत्री कावरे ने योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये पंचायत स्तर पर व्यापक प्रचार-प्रसार की आवश्यकता बताई। बैठक में बताया गया कि योजना के लिये "देवारण्य सेल'' का गठन किया जा रहा है। इस सेल के माध्यम से योजना के प्रभावी क्रियान्वयन की व्यवस्था की जा सकेगी।

रिक्त पदों पर भर्ती जल्द हो

आयुष राज्य मंत्री कावरे ने विभागीय गतिविधियों की भी समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि आयुष विभाग एवं आयुष महाविद्यालयों में रिक्त पदों पर भर्ती की व्यवस्था जल्द पूरी की जाए। बैठक में बताया गया कि विभाग में करीब 1400 पद रिक्त हैं। राज्य मंत्री कावरे ने प्रदेश के आयुष महाविद्यालयों में चल रहे निर्माण कार्यों की भी समीक्षा की। बैठक में बताया गया कि लगभग 8 करोड़ रुपये के निर्माण कार्य प्रगति पर हैं। इनमें पंचकर्म यूनिट, नेच्युरोपैथी, योगा हॉल, वातानुकूलित वार्ड के निर्माण कार्य शामिल हैं। यह सभी कार्य पीडब्ल्यूडी की इकाई पीआईयू के माध्यम से कराये जा रहे हैं। बुरहानपुर के शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के बालिका छात्रावास का कार्य लगभग पूरा हो चुका है।

राज्य मंत्री कावरे ने आयुष औषधालयों में दवाइयों की उपलब्धता और नियमित आपूर्ति व्यवस्था की भी समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को महाविद्यालय परिसर में औषधि निर्माण इकाई संचालित किये जाने के प्रोजेक्ट को तैयार किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्माण कार्यों की निगरानी के लिये संचालनालय स्तर पर टेक्निकल विंग बनाये जाने के भी निर्देश दिये।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button