ऐसे पाठ्यक्रम का निर्माण करें, जो विद्यार्थी के कॅरियर का निर्माण, ज्ञान प्राप्ति और रोजगार चुनने में मददगार हो – उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव
भोपाल
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि पाठ्यक्रमों को रोजगार-मूलक बनाया जाना आवश्यक है। साथ ही विद्यार्थियों को स्व-रोजगार से जोड़ने का भी अधिक से अधिक प्रयास किया जाना चाहिये। डॉ. यादव सोमवार को विभागीय समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह बहुत आवश्यक है कि हम अपने पाठ्यक्रमों को व्यवहारिक जीवन और रोजगार प्राप्ति से जोड़ दें, तो उनकी उपयोगिता बढ़ जायेगी।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि व्यावसायिक 15 पाठ्यक्रम को चिन्हित करें, जिसमें रोजगार सृजन के अवसर उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पारम्परिक पाठ्यक्रमों के अतिरिक्त व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को चुनने का बेहतर विकल्प दिया गया है। व्यावसायिक पाठ्यक्रम के तहत स्नातक प्रथम वर्ष में जैविक खेती एवं बागवानी के पाठ्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिये प्रदेश के 346 शासकीय महाविद्यालयों में अध्ययनरत लगभग 76 हजार 518 विद्यार्थियों ने जैविक खेती और 196 शासकीय महाविद्यालयों में अध्ययनरत 14 हजार 745 विद्यार्थियों ने बागवानी पाठ्यक्रम का चयन किया है। मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जिन विद्यार्थियों ने इस पाठ्यक्रम में कुछ नवाचार किया हो, उनकी सफलता की कहानी का प्रचार-प्रसार करें।
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि डिजिटल माध्यम का अधिकाधिक उपयोग करते हुए स्मार्ट क्लास गुणवत्तापूर्ण एवं उपयोगी हो, इसका सतत विश्लेषण और परीक्षण किया जाये। थर्ड पार्टी निरीक्षण स्वतंत्र एजेंसी से ही कराया जाये। उन्होंने निष्पक्ष रूप से कमियों का आंकलन कर समीक्षा करने के निर्देश दिये। मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के विश्वविद्यालय और महाविद्यालय राष्ट्रीय स्तर पर मूल्यांकन में अग्रणी बनने के लिये विशेष प्रयास किये जायें। हर कॉलेज को अच्छी ग्रेडिंग मिले, इसके लिये पूर्व छात्रों को जोड़कर नैक रैकिंग में अच्छे ग्रेड के लिये सहयोग लें। उन्होंने कहा कि पूर्व विद्यार्थियों को महाविद्यालयों से जोड़ने के लिये एक फ्रेमवर्क तैयार करें। हर वर्ष एल्यूमिनी मीट का आयोजन करें। महाविद्यालयों की स्मारिका में भी पूर्व छात्रों द्वारा किये गये सहयोग को सचित्र प्रदर्शित करें।
अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि प्रदेश में 120 महाविद्यालय एकल संकाय संस्थान के रूप में हैं। प्रथम चरण में 50 महाविद्यालयों को बहुसंकायी संस्थान के रूप में उन्नयन करने के लिये डीपीआर तैयार कर वित्त विभाग को प्रेषित किया गया है।
आयुक्त उच्च शिक्षा दीपक सिंह ने प्रदेश के सभी शासकीय अग्रणी महाविद्यालयों को आदर्श महाविद्यालय में विकसित करने एवं शासकीय विज्ञान महाविद्यालय, उज्जैन के मॉडल को अग्रणी महाविद्यालयों में लागू करने की जानकारी दी।