मध्य प्रदेश

खतरा: धार के कारम नदी डैम में दरार, सेना को कमान मौके पर डटे दो मंत्री

धार
धार जिले के धरमपुरी तहसील में भरुड़पूरा और कोठीदा के बीच कारम नदी पर बने डेम में आई दरार के बाद चल रहे मरम्मत और बचाव कार्य पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कंट्रोल रूप से अपनी नजर बनाए हुए है। उन्होंने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी बात की है, वहीं जलसंसाधन मंत्री तुलसी सिलावट और उद्योग मंत्री राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव 24 घंटे से मौके पर तैनात हैं। धार डैम में लीकेज के बीच सेना ने भी मोर्चा संभाल रखा है। एनडीआरएफ की 3 और एसडीआरएफ की 8 टीमें काम में जुटीं हैं।  

मुख्यमंत्री चौहान सुबह 11 बजे वल्लभ भवन पहुंचे और यहां से हर स्थिति की जानकारी ली। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, एसीएस गृह राजेश राजौरा, एसीएस एसएन मिश्रा भी साथ रहे। अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा ने बताया कि डैम को लेकर एक हाईलेवल मीटिंग मंत्रालय में बुलाई गई थी। इसमें सेना की मदद लेने का फैसला लिया गया था। एनडीआरएफ की सूरत, वडोदरा, दिल्ली और भोपाल से एक-एक टीम भी रवाना कर दी गई है। हर टीम में 30 से 35 ट्रेंड जवान शामिल हैं।  इधर, सरकार ने इस मामले की जांच के लिए विशेषज्ञों की एक टीम बना दी है जो 3 दिन में सरकार को रिपोर्ट देगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कलेक्टर पंकज जैन का हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कि पंकज जीवन में कभी-कभी ऐसे अवसर आते हैं, यह परीक्षा का समय है, युद्ध स्तर पर जुट जाओ।

धार के 12 खरगोन के 6 गांव खाली
डैम फूटने के भय से प्रशासन ने आसपास के करीब डेढ़ दर्जन गांवों को खाली करवा लिया है, बताया जा रहा है कि धार जिले के 12 और खरगोन जिले के करीब ६ गांव खाली करवा लिए गए हैं, गांवों में शनिवार को सन्नाटा पसरा नजर आ रहा है, हर गांव पूरी तरह खाली हो गया है, लोग गांवों के स्कूल और मंदिरों में रात गुजारने को मजबूर हैं, उन्हें खाने के लिए रोटी और अचार भी जैसे तैसे नसीब हो रहा है, वहीं दूसरी और पीने का पानी भी मुश्किल से नसीब हो रहा है, प्रशासन डैम के नजदीक जाने से रोक रहा है।

जवानों के कंधों पर बुजुर्ग
जो ग्रामीण बुजुर्ग चल नहीं पाते हैं, उन्हें सेना के जवानों द्वारा कंधों पर उठाकर सुरक्षित स्थानों पर छोड़ा जा रहा है, बुजुर्ग और ग्रामीणों का कहना है कि ऐसा भय पहले कभी नहीं देखा। यहां एक गांव के स्कूल में मौजूद दिव्यांग राजेन्द्र ने बताया कि डैम फूटने के डर से घर छोड़कर आना पड़ा, वहीं रक्षाबंधन पर कई बहने भी अपने भाईयों को राखी बांधने आई थी, जिन्हें भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, उन्हें अपनी जान बचाने के लिए स्कूल में रहने जाना पड़ा, वहीं कुछ ग्रामीण गांव के ऊपरी हिस्से में स्थित भेरूजी के मंदिर पर रात गुजारने और वहीं पर रहने को मजबूर हैं।

दहशत में गुजर रही रात
ग्रामीणों ने बताया कि हमारी रातें दहशत में गुजर रही है, आसपास जंगल होने के कारण जहरीले जीव जंतुओं का डर रहता है, समय से खाने पीने को भी नहीं मिल रहा है, कई लोग तो पीने के पानी के लिए भी तरस गए हैं।

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