भोपालमध्य प्रदेश

पंचायत चुनाव का असर, कर्मचारियों की ड्यूटी से BU एग्जाम पर मंडराया संकट

भोपाल
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय ने अपने सभी विभागों की यूजी-पीजी के प्रथम और कॉलेजों के तीसरे सेमेस्टर की परीक्षाओं का कार्यक्रम जारी कर दिया है। परीक्षाओं का कार्यक्रम पंचायत चुनाव के चलते बिगड़ सकता है। क्योंकि मतदान से लेकर मतगणना तक परीक्षा संबंधी व्यवस्थाएं चौपट हो जाएंगी।  बीयू अपने सभी विभागों की परीक्षाएं आफलाइन तीन और 15 जनवरी से लेना शुरू करेगा। जबकि कॉलेजों में पीजी के तीसरे सेमेस्टर की परीक्षाएं दस जनवरी से शुरू होंगी।

बीयू प्रदेश का पहला विवि होगा जो कोरोना संक्रमण के दो साल में आॅफलाइन एग्जाम कराने में सबसे पहले टाइम टेबिल जारी किया है। परीक्षाओं में पंचायत चुनाव का संकट मंडरा रहा है, क्योंकि चुनाव में बीयू और कॉलेजों के कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी है। इससे परीक्षाएं टल भी सकती हैं। कई कॉलेजों को मतदान केंद्र बनाया गया है इसके चलते उनकी परीक्षाएं कराना बीयू के लिए काफी मुश्किल हो सकती है।

आॅफलाइन एग्जाम कराने बीयू ने सभी इंतजाम कर लिए हैं। यहां तक पेपर तक तैयार लिए गए हैं। हालांकि बीयू को पचास फीसदी उपस्थिति के साथ एग्जाम कराना है। विद्यार्थियों की संख्या कम और कमरों की संख्या ज्यादा होने के कारण परीक्षा हाल तैयार करने में अधिकारियों को ज्यादा परेशानी नहीं आ रही है। परीक्षा सुबह आठ से 11 बजे तक होगी। जबकि यूटीडी की दोपहर 12 से तीन बजे तक होंगी। परीक्षा फार्म जमा करने की अंतिम तिथि तीस दिसंबर रखी गई है। 300 रुपये के विलंब शुल्क के साथ विद्यार्थी 31 दिसंबर से पांच जनवरी तक फार्म जमा कर पाएंगे। एक हजार रुपये के विशेष शुल्क के साथ विद्यार्थी परीक्षा शुरू होने के तीन दिन पहले तक फार्म जमा कर पाएंगे।

उच्च शिक्षा विभाग ने सातों जिलों के 420 निजी और सरकारी कॉलेजों में प्रवेशरत विद्यार्थियों का डाटा बीयू भेज दिया है। बीयू ने डाटा को अपने पोर्टल पर अपलोड कर दिया है। अब कॉलेज प्राचार्यों को विद्यार्थियों को सत्यापित कर उनके शुल्क बीयू के खाते में जमा करेंगे। उन्हें तीस दिसंबर तक विद्यार्थियों को वेरीफाई कर शुल्क जमा करना है। इसके बाद उन्हें विलंब शुल्क अपनी जेब से जमा करना होगा। विभाग ने नामांकन व्यवस्था में परिवर्तन किया है। पहले विद्यार्थी पंजीयन कराते थे। अब प्राचार्यों को प्रवेशरत विद्यार्थियों के नामांकन करना होंगे। लेटलतीफी होने पर उन्हें विलंब शुल्क भी देना होगा।

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