मध्य प्रदेश

हिंदुओं के हाथ से अगरबत्ती छुड़ाकर मोमबत्ती थमाने के चल रहे प्रयास – पं. मिश्रा

बुरहानपुर ।  बुरहानपुर की रेणुका मंडी परिसर में चल रही श्री शिव महापुराण कथा के दूसरे दिन शनिवार को कथा वाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने व्यासपीठ से मतांतरण पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि हिंदुओं के हाथ से अगरबत्ती छुड़ाकर कुछ लोग मोमबत्ती थमाने का प्रयास कर रहे हैं। अगरबत्ती में बांस की काड़ी होने का हवाला देकर उन्हें अगरबत्ती नहीं जलाने की सलाह दी जा रही है। ये वो लोग हैं जो यह कहकर पहले पूजन, पाठ और मंदिरों से दूर करेंगे। इसके बाद अपने धर्म को बेहतर बताकर सनातन धर्म छोड़ने की बात कहेंगे। उन्होंने हिंदू समाज से आग्रह किया कि वे दो की जगह चार अगरबत्ती जलाएं और महादेव से प्रार्थना करें कि ऐसे लोगों को वे सद्बुद्धि दें। उल्लेखनीय है कि बीते दिनों देश के कई हिस्सों में मतांतरण के मामले सामने आए थे।

अश्वत्थामा की कथा सुनाई

पंडित प्रदीप मिश्रा ने शनिवार को भगवान महादेव के अंश अश्वत्थामा के बचपन की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि चार साल के अश्वत्थामा को एक दिन उनके सहपाठियों ने पानी में आटा घोलकर पिला दिया और इसे गाय का दूध बताया। उपहास उड़ाने के लिए किए गए इस कार्य को उनके पिता गुरु द्रोणाचार्य ने देख लिया। वे अश्वत्थामा को अपनी कुटिया लेकर आ गए। यह समय की बात है कि अपार धन संपदा से परिपूर्ण गुरु द्रोणाचार्य के पास अपने पुत्र को दूध पिलाने के लिए एक गाय नहीं थी। अश्वत्थामा की माता ने जब उन्हें सत्य से परिचित कराया तो उन्होंने पूछ लिया कि सबसे ज्यादा गाय का दूध किसे मिलता है। मां ने भगवान शिव का नाम लिया तो चार साल के अश्वत्थामा घर से निकल गए और गुफा में जाकर भगवान शिव का कठोर तप शुरू कर दिया। आखिरकार महादेव प्रकट हुए।

तीन लाख से ज्यादा लोग पहुंचे, बिगड़ी व्यवस्था

श्री शिव महापुराण कथा सुनने लगातार भक्तों की संख्या बढ़ रही है। कथा के दूसरे दिन शनिवार को तीन लाख से ज्यादा भक्त परिसर में मौजूद थे। पंडाल से लेकर सड़क तक सिर्फ भक्त नजर आ रहे थे। पहले दिन उमड़ी भीड़ को देखते हुए रात में आयोजन समिति ने पंडाल को और बढ़ाया था। बावजूद इसके भीड़ के आगे यह छोटा पड़ गया। लिहाजा बाद में आए लोग पंडाल के बाहर धूप में बैठकर ही कथा श्रवण करते रहे। जिसे जहां जगह मिली बैठ गया और पं. प्रदीप मिश्रा को सुनता रहा। भीड़ बढ़ने के साथ कथा स्थल की व्यवस्थाएं भी बिगड़ती नजर आईं। प्रवेश द्वारों पर तैनात बाउंसरों ने आयोजन समिति के कुछ सदस्यों और पत्रकारों को भी अंदर जाने से रोक दिया। इससे विवाद की स्थिति बन गई थी। कई भक्तों को पीने के लिए पानी भी नहीं मिल पाया, जिसके चलते उन्हें बाहर जाना पड़ा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
2025/08/21/Nimeni nu poate Evadarea din închisoare: doar Provocarea acestui puzzle îţi va pune mintea Descoperirea unui urs polar în 7 Cât de Care este diferența Doar cei