बिजली तो खूब जलाई, लेकिन नहीं कर रहे भरपाई

180 करोड़ रुपए आम उपभोक्ताओं से भी करनी है वसूली, लेकिन वे भी कर रहे हैं बिजली चोरी ऊपर से सीनाजोरी, नगर परिषद सीहोर सहित कई बड़े विभागों का करोड़ों बिजली बिल बकाया

सुमित शर्मा। मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (एमपीईबी) सीहोर के बकायादारों में नगर परिषद सीहोर, ग्रामीण पंचायत विभाग, जल संसाधन, पुलिस सहित कई अन्य बड़े विभाग भी हैं। सभी बिजली तो खूब जला रहे हैं, लेकिन बिजली बिलों की भरपाई करने में सब फिसड्डी साबित हो रहे हैं। दरअसल करोड़ों रुपए के घाटे में चल रही बिजली कंपनियों को सरकारी विभाग ही चपत लगाने में आगे हैं। हालांकि विद्युत वितरण कंपनी सीहोर को सीहोर एवं आष्टा सर्किल के आम उपभोक्ताओं से भी करीब 180 करोड़ रुपए की वसूली करनी है। इसी तरह करीब 9 करोड़ से अधिक की वसूली सरकारी विभागों से भी करनी है।
नगर परिषद का बिजली बिल एक करोड़ से ज्यादा बकाया-
नगर परिषद सीहोर से विद्युत वितरण कंपनी को एक करोड़ 20 लाख रुपए से अधिक की वसूली करना है, लेकिन नगर परिषद द्वारा यह राशि नहीं दी जा रही है। इसी तरह नगर परिषद आष्टा पर भी 9 लाख रुपए से अधिक का बिजली बिल बकाया है। यही स्थिति पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की भी है। पंचायत विभाग से भी 4 करोड़ 53 लाख से अधिक का बिजली बिल वसूलना है। स्कूल शिक्षा विभाग का 42 लाख 90 हजार 228, स्वास्थ्य विभाग से 21 लाख 69 हजार 895, लोक निर्माण विभाग 3 लाख 18 हजार 413, जनजातीय कार्यविभाग पर 4 लाख 16 हजार, कलेक्टर कार्यालय का 5 लाख 10 हजार 643, पीएचई विभाग का 1 लाख 74 हजार, वन विभाग का 5 लाख 79 हजार, पुलिस विभाग का 2 लाख 72 हजार से अधिक का बिल बकाया है। इसी अन्य विभाग भी हैं, जिनसे भी करीब 7 लाख से अधिक की वसूली करनी है। हालांकि अन्य विभाग ऐसे भी हैं, जिनका बकाया बेहद कम है। इनमें जेल, पशुपालन, मत्स्य पालन, कृषि विभाग सहित अन्य विभाग हैं। बिजली बिलों की यह स्थिति माह जनवरी-2022 की स्थिति में है।
बकायादारों में रेलवे, बीएसएनएल भी-
विद्युत वितरण कंपनी सीहोर के बकायादारों में रेलवे, बीएसएनएल सहित अन्य मोबाइल कंपनियां, इनकम टैक्स, पोस्ट आॅफिस सहित अन्य केंद्रीय विभाग भी हैं, जिनसे भी विद्युत वितरण कंपनी को लाखों रुपए के बिजली बिल लेने हैं। बीएसएनएल सहित अन्य मोबाइल कंपनियों का 20 लाख से अधिक का बिल बकाया है।
बिजली चोरी, ऊपर से सीनाजोरी-
बिजली कंपनियां करोड़ों रुपए के घाटे में चल रही है। हर वर्ष करोड़ों रुपए की वसूली नहीं हो पा रही है। विद्युत वितरण कंपनी सीहोर पर भी बिजली के बकायादारों से वसूली का दबाव है। इसके लिए बिजली कंपनी का अमला लगातार वसूली के लिए निकल भी रहा है, लेकिन बिजली चोरों के हौंसले इतने बुलंद हैं कि वे पहले तो बिजली चोरी करके उसका जमकर दोहन कर रहे हैं और जब बिजली विभाग की टीम उनसे वसूली के लिए पहुंच रही है तो ये उन पर हमला भी कर रहे हैं। ऐसी ही दो घटनाएं पिछले दिनों सीहोर एवं इछावर में हो भी चुकी है। विद्युत वितरण कंपनी सीहोर को सीहोर एवं आष्टा सर्किल के आम उपभोक्ताओं से करीब 180 करोड़ रुपए के बिजली बिल वसूलना है।
बिजली भी बेची थी उसका भी बकाया-
विद्युत वितरण कंपनी सीहोर द्वारा आपूर्ति के अलावा जो अतिरिक्त बिजली थी उसे भी एनसीएलटी को बेचा गया था। इससे भी 15 करोड़ से अधिक की राशि लेनी है। हालांकि विद्युत वितरण कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि जब सरप्लस बिजली हो जाती है तो उसे सेल कर देते हैं और जब बिजली की कमी होती है तो खरीदना भी पड़ता है।
इधर रेहटी सर्किल के 20 करोड़ बकाया-
बुदनी विधानसभा की रेहटी तहसील के अंतर्गत आने वाले सैकड़ों गांवों सहित सरकारी विभागों से भी लगभग 20 करोड़ रुपए वसूले जाने हैं। इसके लिए भी लगातार प्रयास जारी है। ये 20 करोड़ के बकायादारों में सबसे ज्यादा आम उपभोक्ता एवं किसान हैं, जिनसे बिजली बिल लेने हैं। यहां बता दें कि रेहटी सर्किल में लगभग 25 हजार उपभोक्ता हैं। इनमें से 14 हजार घरेलू, 8 हजार कृषक, 3 हजार के लगभग कामर्शियल, 2500 के करीब एनडीएल कामर्शियल उपभोक्ता हैं।
इनका कहना है-
बिजली बिलों के बकायादारों को प्रतिमाह बिजली का बिल भरना होगा। जिन विभागों का पिछला बकाया है उनसे भी मार्च में वसूली की जाएगी।
– मनोज द्विवेदी, जनसंपर्क अधिकारी, मप्र मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी