भोपाल।
एम्स प्रशासन एवं यहां के स्टॉफ की कारगुजारियों को लेकर भोपाल के पूर्व सांसद आलोक संजर को धरने पर बैठना पड़ा। पूर्व सांसद ने आरोप लगाया कि एम्स में आम लोगों के साथ अभद्रता की जाती है और उनकी सुनवाई नहीं होती। उनके इलाज में भी लापरवाही बरती जाती है।
राजधानी भोपाल में संचालित एम्स हमेशा सुर्खियों में रहता है। एम्स के निर्माण से लेकर इसके शुरू होने तक अब तक कई बार एम्स की गड़बड़ियां उजागर हुईं हैं। इस बार भी एम्स के डॉक्टर एवं स्टॉफ की अभद्रता के कारण एम्स चर्चाओं में आया है। दरअसल यहां पर कैंसर के इलाज के लिए आए एक व्यक्ति के साथ अभद्रता करते हुए उससे धक्कामुक्की की गई। इस संबंध में मरीज के परिजनों द्वारा पूर्व सांसद को फोन लगाकर सूचना दी गई। पूर्व सांसद आलोक संजर ने फोन पर ही जब एम्स की डॉक्टर मनीषा मैडम से चर्चा करनी चाही तो उन्होंने उनसे बात नहीं की और गार्डों को बुलाकर मरीज को बाहर निकालने का आदेश दे दिया। इसके बाद पूर्व सांसद आलोक संजर अपने कुछ समर्थकों के साथ एम्स पहुंचे। यहां पर उन्होंने एम्स डायरेक्टर को बुलाया, लेकिन वे अस्पताल परिसर में मौैजूद नहीं थे। इसके बाद उन्होंने डॉ. मनीषा को बुलाया, लेकिन वे भी नहीं आईं तो पूर्व सांसद आलोक संजर वहीं धरने पर बैठ गए। हालांकि पूर्व सांसद के विरोध केे बाद एम्स प्रशासन ने कैंसर पीड़ित मरीज को भर्ती कर लिया। इस दौरान पुलिस ने भी एम्स में मोर्चा संभाल लिया था। पूर्व सांसद आलोक संजर ने सीहोर हलचल को बताया कि एम्स में आम लोगोें की सुनवाई नहीं होती है। उनके साथ अभद्रता की जाती है और ये बिल्कुल भी सहन नहीं किया जाएगा। सरकार द्वारा आम लोगों को सुविधाएं देने के लिए इस तरह के बड़े-बड़े संस्थान खोले जा रहे हैं, लेकिन इनके जिम्मेदारों द्वारा इस तरह की लापरवाही की जाती है। ये उचित नहीं हैं।