रेप पीड़िता मुकरी बयान से ,कोर्ट ने फिर भी 20 साल की कैद की सजा सुनाई
गुना
गुना में 13 साल की बच्ची से रेप के मामले में आरोपी को 20 साल की सजा सुनाई गई है। केस इसलिए खास है कि मामले में खुद पीड़ित लड़की, उसके माता-पिता समेत दूसरे परिजन भी कोर्ट में बयानों से मुकर गए थे। DNA रिपोर्ट ने पूरा केस पलट दिया। इसी आधार पर कोर्ट ने आरोपी को सजा सुनाई। 20 जनवरी को मामले की अंतिम सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश वर्षा शर्मा ने टिप्पणी भी की। कोर्ट ने कहा कि गवाहों के बयानों से मुकर जाने के कारण न्याय व्यवस्था का मजाक नहीं बनाया जा सकता।
मामला वर्ष 2020 का आरोन इलाके का है। यहां रहने वाले युवक-युवती मजदूरी के लिए जयपुर गए थे। इस दौरान वे 13 साल की बेटी को नाना-नानी के यहां छोड़ गए। 18 नवंबर की रात बच्ची घर के आंगन में सो रही थी। इसी दौरान रात करीब 11 बजे गांव का रहने वाला बृजेश बंजारा घुस आया। वह बच्ची को उठाकर ले गया। बच्ची चिल्लाई, तो मुंह दबाकर जान से मारने की धमकी दी। सुनसान जगह ले जाकर रेप के बाद छोड़कर भाग गया। लड़की रोती हुई घर आ गई। यहां मामा-मामी को आपबीती सुनाई। परिवार वालों ने थाने पहुंचकर केस दर्ज कराया। पुलिस ने कुछ दिन बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
थाने और कोर्ट में पीड़ित और परिजन ने वारदात कबूल कर ली थी। बाद में मुख्य परीक्षण में स्पेशल जल वर्षा शर्मा के सामने पीड़िता और उसके परिजन वारदात से मुकर गए। खुद पीड़िता ने यहां तक कह दिया कि उसके साथ कोई घटना ही नहीं हुई। उसने आरोपी को भी पहचानने से इनकार कर दिया। हालांकि, सभी ने यह तो माना कि जिस दिन की घटना की बात की जा रही है, उस दिन बच्ची नाना-नानी के घर पर थी।
जांच अधिकारी के अनुसार मेडिकल के दौरान लड़की का सैंपल DNA के लिए भी भेजा गया था। यही रिपोर्ट आरोपी को सजा दिलाने में मददगार बनी। सागर लैब से आई रिपोर्ट मैच हो गई। इसी आधार पर अदालत ने फैसला सुनाया। कोर्ट ने पूर्व के निर्णय को आधार बनाते हुए गंभीर टिप्पणी की।
कोर्ट ने फैसले में लिखा- "एक आपराधिक मुकदमे में न्याय व्यवस्था गंभीर मामला है। इसे केवल मुख्य अभियोजन पक्ष के गवाहों को मुकर जाने की अनुमति देकर मजाक बनने की अनुमति नहीं दी जा सकती।" इसके बाद कोर्ट ने आरोपी ब्रजेश बंजारा को दो धाराओं में 20-20 साल और दो धाराओं में 3-3 साल की सजा सुनाई। कोर्ट ने पीड़ितों को भविष्य में ऐसा नहीं करने की चेतावनी दी।