भोपालमध्य प्रदेश

मंत्रालय और सचिवालय में भेदभाव के आधार पर पदस्थापना से सरकार का इनकार

भोपाल
राज्य शासन ने कहा है कि प्रदेश में मंत्रालय और सचिवालय में भेदभाव के आधार पर पदस्थापना नहीं की जाती है। यहां पदस्थ किए जाने वाले अफसरों को प्रशासकीय विभाग की अनुशंसा और प्रस्ताव के आधार पर पोस्टिंग दी जाती है। किसी को लाभ पहुंचाने के लिए ऐसा नहीं किया जाता है। यह जानकारी विधायक पीसी शर्मा के सवाल के लिखित जवाब में शासन की ओर से दी गई है।

विधानसभा में दी गई लिखित जानकारी में सरकार ने कहा है कि मंत्रालय स्थित विभागों मे अपर सचिव, अतिरिक्त सचिव के पद पर मंत्रालयीन सेवा एवं अन्य सेवा जैसे भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा, राज्य प्रशासनिक सेवा, वित्त सेवा एवं अन्य विभागीय अधिकारियों की पदस्थापना की जाती है। पदनाम नहीं दिया जाता। इसलिए किसी से भेदभाव का प्रश्न उपस्थित नहीं होता। मंत्रालय एवं अन्य सेवा के अधिकारी जो ग्रेड-पे 7600 रुपये छठवां वेतनमान, सातवें वेतनमान लेवल 14  में 79900-211700 रुपए में कार्यरत है, उनको उप सचिव के पद पर स्वीकृत पदों के विरुद्ध पदस्थ किया जाता है। सरकार ने कहा कि कतिपय विभागों में विभागीय अधिकारियों की पदस्थापना प्रशासकीय विभाग की अनुशंसा और प्रस्ताव पर प्रशासनिक कारणों से की जाती है।

वित्त विभाग द्वारा वरिष्ठ प्रवर श्रेणी वेतनमान में कार्यरत 3 अधिकारियों को मंत्रालय स्थित वित्त विभाग में उप सचिव के पद पर पदस्थ करते हुए सेवाएं सामान्य प्रशासन विभाग को सौंपी गई है। उन्हें वेतनमान के आधार पर पदनाम नहीं दिया जाता है। विधायक पीसी शर्मा के सवाल के जवाब में बताया गया कि म.प्र. वित्त सेवा के वरिष्ठ प्रवर श्रेणी वेतनमान (ग्रेड-पे 8700 (छठवां वेतनमान) सातवें वेतनमान (123100-215900) में मंत्रालय वित्त विभाग में पदस्थ/कार्यरत अधिकारियों को अपर सचिव पदनाम दिए जाने का प्रस्ताव वित्त विभाग द्वारा 11 जनवरी 2021 से भेजा गया है जो परीक्षणाधीन है। मंत्रालय/सचिवालय स्थित विभागों में पदस्थापना में किसी प्रकार का भेदभाव न कर प्रशासनिक आधार पर नियमानुसार की जाती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button