भोपालमध्य प्रदेश

सरकार के निर्णय से नए कारोबारियों को मिलेगा प्रोत्साहन

 भोपाल
मध्यप्रदेश में अल्ट्रा मेगा परियोजनाओं के संचालन के लिए राजस्व विभाग के लैंड बैंक से शासकीय भूमि लेने अब पांच वर्ष के अनुभव और तीन वर्ष में पचास करोड़ का टर्नओवर जरूरी नहीं होगा। सरकार ने इस शर्त को समाप्त कर दिया है।

अभी तक प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में अल्ट्रा मेगा परियोजनाओं की शुरूआत करने के लिए लैंड बैंक से शासकीय भूमि प्राप्त करने के लिए कई तरह की बंदिशें, शर्तें अनिवार्य थी। इसमें आवेदक को उल्लेखित परियोजनाओं का एकल परियोजना अथवा एकाधिक परियोजनाओं का पांच वर्षीय संचालन अनुभव जरूरी था। इसके साथ ही प्रति वर्ष विगत तीन वर्षो में पचास करोड़ रुपए का न्यूनतम ग्रास टर्न ओवर भी आवश्यक था। इन शर्तों को पूरा करने पर ही राज्य शासन के लैंड बैंक से रियायती दरों पर जमीन आवंटित की जाती थी जिस पर अल्ट्रा मेगा परियोजनाओं को शुरू किया जा सकता था।

इसलिए पड़ी जरूरत
अल्ट्रा मेगा परियोजनाओं में निवेश के लिए कठिन शर्तों के कारण छोटे और मध्यम निवेशक आगे नहीं आ पा रहे थे।  ये परियोजनाएं कुछ खास बड़े उद्योगपतियों तक सीमित हो गई थी। लंबे समय से इसकी शर्तों में रियायत की मांग आ रही थी। इसके बाद जमीन आवंटन के लिए इन शर्तों को समाप्त कर दिया गया है। पर्यटन विभाग के उपसचिव सुनील दुबे ने इन शर्तों को समाप्त करने के आदेश जारी कर दिए है। अब अल्ट्रा मेगा परियोजनाओं में जमीन आवंटन के लिए कम टर्नओवर और क म अनुभव वाले निवेशक भी आवेदन कर सकेंगे। इससे प्रदेश में अल्ट्रा मेगा परियोजनाओं की स्थापना में तेजी आएगी।

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