भोपालमध्य प्रदेश

भूराजस्व संहिता संशोधन को राज्यपाल की मंजूरी, अवैध खनिज परिवहन पर नहीं लगेगा दोहरा टैक्स

भोपाल
मध्यप्रदेश में भू राजस्व संहिता विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी मिल गई है, इसके तहत अब अवैध खनिज परिवहन करने वाले दोहरे टैक्स से बच जाएंगे। दूसरी ओर सीवीसी ने बैंकर्स को राहत देने के लिए नया आदेश जारी किया है, जिसके तहत 3 करोड़ से अधिक की गड़बड़ी पर सीबीआई जांच के लिए पैनल की मंजूरी लेनी होगी। वहीं आरबीआई के संशोधित नियमों में कहा गया है कि क्रेडिट स्कोर खराब होने की स्थिति में बीमा कंपनी भी बीमा करने से इंकार कर सकती है।

मध्यप्रदेश में गौण खनिज के अवैध खनन और परिवहन के मामलों में अब राजस्व विभाग कार्यवाही नहीं करेगा इसमें अब खनिज विभाग ही दांडिक शुल्क वसूल कर सकेगा। इसके लिए  भू राजस्व संहिता संशोधन विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी के बाद पूरे प्रदेश में लागू कर दिया गया है।

इस विधेयक के लागू होंने के पहले मध्यप्रदेश में भू राजस्व संहिता में गौण खनिज के अवैध खनन और परिवहन पर राजस्व विभाग और खनिज विभाग दोनों कार्यवाही करते थे। इस दोहरी कार्यवाही से अक्सर विवाद की स्थिति बनी रहती थी।  अवैध परिवहन और खनन के मामलों में कई बार कार्यवाही को लेकर खनिज और राजस्व विभाग एक-दूसरे पर जिम्मेदारी टालते थे। कई बार अधिकारों को लेकर भी टकराहट होती थी। इसलिए भू- राजस्व संहिता संशोधन विधेयक के जरिए अब राजस्व विभाग से इसे अलग कर दिया गया है। मूल अधिनियम में एक और उपधारा जोड़ दी गई है। किसी खान या खदान से जिसका अधिकार सरकार में निहित है और बिना किसी अनुमति के वहां से खनन किया जाता है या ऐसे खनिज का परिवहन किया जाता है तो उन पर नियंत्रण और कार्यवाही अब खनिज विभाग ही करेगा।

इस संशोधन विधेयक में यह प्रावधान भी किया गया है किसी बैंक या वित्तीय संस्थाा में  भूमि को बंधक या दृष्टिबंधक रखा जाता है और बदले में जमीन के मालिक को कोई भुगतान किया जाता है तो उसे साफ्टवेयर के जरिए आनलाईन राजस्व रिकार्ड में दर्ज किया जाएगा। चूंकि  ऋण पुस्तिका को आॅनलाईन कर दिया गया है तो इस तरह की जानकारी भी अब आॅनलाईन दर्ज की जाएगी। इससे किसी भी जमीन के रिकार्ड को आॅनलाईन देखने पर उस जमीन को गिरवी रखकर लिया गया कर्ज या जमानत की जानकारी भी आॅनलाईन देखी जा सकेगी।

 इस संशोधन विधेयक के जरिए साइबर तहसील के गठन, उसके समापन या उसकी सीमाओं में बदलाव का प्रावधन भी किया गया है। प्रत्येक साइबर तहसील के लिए साइबर तहसीलदार भी नियुक्त किए जा सकेंगे। साइबर तहसीलदार को ऐसे मामलों की जांच के अधिकार भी मिल सकेंगे। इसके लिए एक राजस्व अधिकारी भी बनाया जाएगा।

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