जबलपुरमध्य प्रदेश

बीएमएचआरसी में स्टाफ व सुविधाओं की कमी पर हाईकोर्ट ने 7 को नोटिस दिया

जबलपु

 

 मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने भोपाल गैस राहत अस्पताल (बीएमएचआरसी) में स्टाफ व सुविधाओं की कमी को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित मॉनिटरिंग कमेटी की सिफारिशों और हाईकोर्ट के पूर्व निर्देशों का पालन न होने पर केंद्र व राज्य सरकार के अधिकारियों को फटकार लगाई। जस्टिस शील नागू व जस्टिस मनिंदर सिंह भट्टी की डिवीजन बेंच ने केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण, रसायन व उर्वरक मंत्रालय सचिव आरती आहूजा, मप्र के चीफ सेक्रेटरी इकबाल सिंह बैस, भोपाल गैस राहत विभाग सचिव मोहम्मद सुलेमान, आईसीएमआर के डायरेक्टर आर रामकृष्णन, बीएमएचआरसी की डायरेक्टर डॉ प्रभा देसिकन व केंद्रीय पर्यावरण स्वास्थ्य अनुसंधान केंद्र भोपाल के डायरेक्टर डॉ राजनारायण तिवारी को इस सम्बंध में अवमानना नोटिस जारी किए। सभी से 4 सप्ताह में स्पष्टीकरण मांगा गया।

सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर सुनवाई
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में इस याचिका पर सुनवाई की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन सहित अन्य की ओर से दायर याचिका की सुनवाई करते हुए भोपाल गैस पीड़ितों के उपचार और पुनर्वास के संबंध में 20 निर्देश जारी किए थे। वहीं निर्देश में शामिल बिंदुओं के क्रियान्वयन के लिए मॉनिटरिंग कमेंटी को गठित करने का निर्देश भी दिया गया था। सर्वोच्च न्यायालय ने हाईकोर्ट को मॉनिटरिंग कमेटी की हर तीन माह में पेश रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने के भी निर्देश दिए थे। वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ, अधिवक्ता राजेश चंद, काशी राम पटेल ने कोर्ट को बताया कि याचिका के लंबित रहने के दौरान मॉनिटरिंग कमेटी की अनुशंसा का राज्य सरकार द्वारा परिपालन नहीं किए जाने के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की गई।

इसमे कहा गया कि गैस त्रासदी के पीड़ित व्यक्तियों के न तो हेल्थ कार्ड बनाए गए न ही अस्पतालों में आवश्यकता अनुसार उपकरण व दवाएं उपलब्ध कराई गईं। वहीं बीएमएचआरसी के भर्ती नियम निर्धारित होने के कारण डॉक्टर व पैरा मेडिकल स्टॉफ स्थाई तौर पर अपनी सेवाएं प्रदान नहीं कर रहे हैं। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह पूछा था कि गैस पीड़ितों के इलाज के लिए क्या इंतजाम किए गए हैं। कोर्ट ने अभी तक मॉनिटरिंग कमेटी द्वारा पेश की गयी सभी त्रैमासिक रिपोर्ट में की गई अनुशंसाओं का परिपालन कर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे। परिपालन न होने पर कोर्ट ने सभी सम्बंधित अधिकारियों के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button