भोपालमध्य प्रदेश

कोरोना संक्रमण की थर्ड वेव से जंग की तैयारी में लगाए IAS-IPS

भोपाल
कोरोना संक्रमण की बेकाबू थर्डवेव से निपटने के लिए मप्र सरकार व्यापक इंतजामों में जुटी है। प्रदेश में दूसरी लहर की तरह आॅक्सीजन की कमी के हालात न बनें इसके लिए भी तैयारियां तेज कर दी गई हैं। आॅक्सीजन के प्रबंध के लिए पांच आईएएस-आर्इ्रपीएस अफसरों की टीम बनाई गई है।

कोरोना के नये वैरिएंट ओमिक्रॉन और तीसरी लहर से निपटने के लिए राज्य सरकार ने व्यापक तैयारियां शुरू कर दी है। इस बार मध्यप्रदेश में आॅक्सीजन की किल्लत नहीं हो इसलिए आॅक्सीजन का प्रबंधन करने पांच आईएएस-आईपीएस अफसरों की टीम तैनात कर दी है।  लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अपर मुख्य सचिव मलय श्रीवास्तव इस टीम को लीड करेंगे। इसके अलावा परिवहन आयुक्त मुकेश जैन को इस टीम में शामिल किया गया है। सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के सचिव पी नरहरि, राज्य नीति एवं योजना आयोग के सदस्य सचिव स्वतंत्र कुमार और मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विस कॉर्पोरेशन के प्रबंध संचालक जे विजय कुमार को भी इस टीम का सदस्य बनाया गया है।

आईएएस और आईपीएस अफसरों की यह टीम वर्तमान में कोविड की परिस्थितियों को देखते हुए आॅक्सीजन की मांग तथा उपलब्धता और प्रबंधन की व्यवस्थाएं देखेगी। इस टीम ने तत्काल अपना काम शुरू कर दिया है।  टीम आॅक्सीजन के इंतजाम देखेगी। कहां कितनी जरूरत है। कितनी आॅक्सीजन उपलब्ध है और कितनी की जरूरत है और यह आॅक्सीजन कहां से बुलावाई जाना है। उसके लिए आॅक्सीजन उत्पादक और विक्रेताओं के निरंतर संपर्क में रहेगी। जरूरत पड़ी तो बाहरी राज्यों से भी आॅक्सीजन बुलवाने की व्यवस्था की जाएगी। यह पूरी टीम जो भी काम करेगी, समय-समय पर उसकी जानकारी अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य को भी देगी।

कोरोना की दूसरी लहर के समय आॅक्सीजन की जरूरत वाले मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी थी। समय पर आॅक्सीजन का प्रबंधन नहीं होने से होने वाली मौतों की संख्या भी बढ़ी थी। इस बार सरकार पहले से तैयार है। सभी जिलावार कलेक्टरों से संपर्क कर यह टीम पहले से मरीजों की बढ़ती संख्या और वहां गंभीर मरीजों और आॅक्सीजन की जरूरत वाले मरीजोें की संख्या और जरूरत का आंकलन पहले से कर लिया जाएगा और उसके लिए आॅक्सीजन की पहले से व्यवस्था हो जाएगी इससे दिक्कत नहीं होगी।

प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ने के कारण अब 47 जिलों में करीब 5044 संक्रमित मिल चुके हैं। प्रदेश में तीसरी लहर का संक्रमण फैलने के कारण अब मात्र 5 पन्ना, आगर-मालवा, हरदा, डिंडौरी और मंडला जिले ही ऐसे हैं, जहां पर अब तक कोई कोरोना का मरीज नहीं मिला है। वहीं, एक महीने पहले यानी दिसंबर में मात्र 7 जिलों में मात्र 124 संक्रमित मिले थे। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने पूरे प्रदेश में सख्ती लागू करने के निर्देश दिए हैं। अब हालात ये हैं कि प्रदेश के 90 फीसदी जिले कोरोना संक्रमित हैं। प्रदेश में बीते 24 घंटे में करीब 1577 कोरोना मरीज सामने आए हैं। इसमें इंदौर में 618, भोपाल में 347, ग्वालियर में 111, जबलपुर में 96 और उज्जैन में 65 कोरोना संक्रमित मिले हैं।

देशभर में कोरोना के नए केस की संख्या बढ़ती जा रही है। सबसे ज्यादा कोविड के केस दिल्ली, महाराष्ट्र और मेट्रो शहरों में देखे जा रहे हैं। पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना के 1,41,986 नए मामले सामने आए हैं। इतने ही घंटे में करीब 41 हजार कोरोना के मरीज ठीक होकर घर भी लौटे हैं जबकि कुल 285 मरीजों की मौत भी हुई है। कोरोना की पॉजिटिविटी रेट 9.28 प्रतिशत पहुंच गई है। देश में कोरोना के 4,72,169 एक्टिव मामले हैं।

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