इंदौरमध्य प्रदेश

इंदौर एग्रीकल्चर कालेज के छात्र की ओंकारेश्वर में नर्मदा नदी में डूबने से मौत

खंडवा ।   इंदौर के एग्रीकल्चर कालेज का छात्र अपने दोस्तों के साथ ओंकारेश्वर घूमने आया था। यहां ब्रह्मपुरी घाट पर नहाते समय नर्मदा नदी में डूब गया। गनीमत रही कि उसके साथ नहा रहा एक दोस्त तैरकर बाहर आ गया। वहीं इस मामले में मांधाता पुलिस का मानवीय चेहरा सामने आया है। थाना प्रभारी ने अंतिम संस्कार की व्यवस्था कर परिवार की मदद की। सीहोर जिले के बुधनी के करीब देवगांव का रहने वाला 19 वर्षीय योगेश पुत्र कैलाश मालवीय इंदौर में एग्रीकल्चर कालेज में पढ़ रहा था। इंदौर से 28 अक्टूबर को वह दोस्तों के साथ बाइक से ओंकारेश्वर आया था। यहां शाम के समय योगेश नर्मदा नदी में स्नान के लिए ब्रह्मपुरी घाट पर पहुंचा। जहां योगेश और उसका दोस्त रवि नदी में उतर गए। तीसरा दोस्त बाहर खड़ा था। वह भी नदी में उतरने की तैयारी में था। इस बीच योगेश और रवि नहाते समय गहरे पानी में चले गए। दोनों ही डूबने लगे। यह देख घाट पर खड़े तीसरे दोस्त ने दोनों को बचाने के लिए गुहार लगाई लेकिन वहां कोई मौजूद नहीं था। इस बीच योगेश डूब गया। वहीं उसके साथ डूब रहा रवि जैसे-तैसे तैरकर व लोहे की साकल पकड़कर बाहर आ गया।

दोनों इंदौर लौट आए

योगेश के डूबने के बाद परिवार के डर से रवि अपने साथी के साथ इंदौर भाग आया। यहां उन्होंने अपने साथ के ओर भी दोस्तों को घटना बताई। इसके बाद वे कुछ दोस्तों के साथ अगले दिन वापस ओंकारेश्वर पहुंचे। यहां मांधाता थाना प्रभारी बलराम सिंह राठौर को रवि ने घटना की जानकारी दी। हालांकि उसने घटना को छुपाने का प्रयास करते हुए बताया कि उसे योगेश के नंबर से फोन आया था। किसी ने ओंकारेश्वर से फोन कर बताया कि योगेश डूब गया है। उसकी बातों पर संदेह होने पर रवि व घटना के दिन उसके साथ मौजूद एक अन्य युवक से पूछताछ की तो उन्होंने मामले की हकीकत से रुबरू कराया। उन्होंने कहा कि वे और योगेश ओंकारेश्वर आए थे। ब्रह्मपुरी घाट पर रवि और योगेश नहा रहे थे। इस दौरान योगेश डूब गया। वे डर गए थे इसलिए घटना की जानकारी नहीं दी।

थाना प्रभारी ने दिखाई मानवता

तीसरे दिन रविवार को योगेश का शव तलाशने में पुलिस को सफलता मिली। गोताखोरों की मदद से ब्रह्मपुरी घाट पर ही योगेश का शव मिला। तीन दिन से परिवार और पुलिस दोनों ही उसकी तलाश में लगे हुए थे। शव पानी में रहने से गल गया था। इससे परिवार ने ओंकारेश्वर में ही अंतिम संस्कार करने का मन बनाया। लेकिन यहां अंतिम संस्कार को लेकर उनके पास व्यवस्था नहीं थी। यह देख मांधाता थाना प्रभारी बलराम सिंह राठौर उनकी मदद के लिए आगे आए। उन्होंने मानवता दिखाते हुए अंतिम संस्कार की व्यवस्था की। उनके साथ थाने के अन्य पुलिसकर्मी भी व्यवस्था में लग गए थे।

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