ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में इंदौर सबसे आगे, एक माह में सबसे ज्यादा युवाओं के बने लर्निंग लाइससें
इंदौर
ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के मामले में इंदौर के युवा प्रदेश के अन्य शहरों की तुलना में सबसे आगे हैं। चार महानगरों की बात की जाए तो एक माह के अंदर सबसे ज्यादा 6 हजार से अधिक नए लर्निंग लाइसेंस इंदौर में ही बने हैं। वही तीन हजार आठ सौ नए लर्निंग लाइसेंस के साथ दूसरे नंबर पर भोपाल शहर का नाम आता है। इस मामले में जबलपुर तीसरे और ग्वालियर चौथे स्थान पर है।
बता दें कि अब विभाग ने लर्निंग लाइसेसों को काफी आसान कर दिया है। इसके लिए कार्यालय जाने की जरूरत नहीं है। घर बैठे ही आॅनलाइन आवेदन करके लर्निंग लाइसेंस को प्राप्त कर सकते हैं। ट्रैफिक पुलिस की चैकिंग के दौरान पकड़े जाने पर सबसे पहले ड्राइविंग लाइसेंस की मांग की जाती है। यदि बिना लाइसेंस के पकड़े जाते हैं तो भारी-भरकम जुमार्ना देना पड़ता है। दुर्घटनाओं में भी सबसे पहले लाइसेंस होना अनिवार्य है। इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए ड्राइविंग लाइसेंस की ओर युवाओं की चाहत बढ़ी है। यही बजह है कि एक महीने में प्रदेश भर में कु 55 हजार 105 लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस बने हैं। इनसमें सबसे ज्यादा इंदौर के लाइसेंस हैं। विभाग ने इस साल 10 लाख लर्निंग लाइसेंस का लक्ष्य रखा है।
शहर | लर्निंग लाइसेंस | परमानेंट लाइसेंस |
इंदौर | 6258 | 4770 |
भोपाल | 3820 | 2788 |
जबलपुर | 2732 | 1309 |
ग्वालियर | 2592 | 1033 |
लर्निंग के टेस्ट में हो रहे फेल
कुछ माह से प्रदेश भर में लर्निंग लाइसेंस आनलाइन बन रहे हैं। इस लाइसेंस को बनाने के लिए निर्धारित प्रक्रिया है। आनलाइन सवालों के जवाब दिए जाते हैं। यदि आवेदक 60 फीसद सवालों के जवाब सही नहीं दे पाता है तो वह फेल हो जाता है। इस कारण फेल होने की संख्या भी बढ़ी है। प्रदेश में जनवरी 2022 में कुछ 58 हजार 408 लोगों ने लर्निंग लाइसेंस के लिए आवेदन किए थे, लेकिन टेस्ट में फेल होने से 55 हजार 105 के ही लाइसेंस बन सके।
इनका कहना
प्रदेश के दूसरे शहरों की तुलन में इंदौर में ज्यादा ड्राइविंग लाइसेंस बन रहे हैं। वैसे भी इंदौर व्यवसायिक सिटी है। यहां पर वाहन भी अधिक रजिस्टर्ड होते हैं। वाहन चलाने के लिए लाइसेंस की जरूरत होती है। लाइसेंस को लेकर लोगों में सजगता है। –अरविंद सक्सेना, अपर आयुक्त, परिवहन विभाग