सात साल में दर्ज हुए मामलों की जानकारी आई सामने, भोपाल में तेजी से बढ़ रहे अपराध
भोपाल
इंदौर में 6 साल पहले की तुलना में अपराध तेजी से घट रहे हैं, जबकि भोपाल में पिछले साल की तुलना में इस साल अपराधों के तेजी से उछाल आया है। इंदौर में जहां वर्ष 2014 में आईपीसी की धाराओं के तहत करीब 24 हजार मामले दर्ज हुए थे, वहीं पिछले साल यह आंकड़ा 17 हजार पर आ गया।
इसी तरह भोपाल में वर्ष 2019 में 17 हजार 686 मामले दर्ज हुए उसके अगले साल करीब ढाई हजार प्रकरण बढ़ गए। विधानसभा में जीतू पटवारी ने लिखित सवाल में पूछा था कि इंदौर और भोपाल में वर्ष 2013 से 2020 तक हर वर्ष कितने अपराध दर्ज किए गए। इस सवाल के लिखित उत्तर में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि इंदौर में वर्ष 2013 में आईपीसी के तहत 22 हजार 249 अपराध दर्ज हुए, इसके बाद वर्ष 2014 में 23992 अपराध दर्ज किए गए।
वर्ष 2015 में 23195 में दर्ज हुए। इसके बाद से अपराधों का ग्राफ इंदौर में गिरने लगा। वर्ष 2016 में आईपीसी की धाराओं के तहत 17 हजार 675 अपराध ही दर्ज हुए। वर्ष 2017 में 16532, वर्ष 2018 में17220, वर्ष 2019 में 17614 और वर्ष 2020 में 17201 दर्ज किए गए।
वहीं भोपाल में आईपीसी की धाराओं के तहत वर्ष 2013 में 13927, वर्ष 2014 में 16094, वर्ष 2015 में 16514, वर्ष 2016 में 16955, वर्ष 2017 में 15705, वर्ष 2018 में 17177, वर्ष 2019 में 17686 और वर्ष 2020 में 21063 में अपराध दर्ज हुए।
इस सवाल के उत्तर में यह भी बताया गया कि प्रदेश में ऐसे नगरीय क्षेत्र जिनकी जनसंख्या 2011 में दस लाख से अधिक है उसमें नगरीय पुलिस व्यवस्था लागू करने का प्रावधान है। लोक व्यवस्था, अपराध तथा आंतरिक सुरक्षा की जटिल समस्याओं को अधिक व्यापक रूप से प्रतिक्रिया दने में सक्षम होने के कारण पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू किया गया है।