जुआरी बने पुलिस के लिए चुनौती!

पुलिस की आंखों में धूल झोंककर खिलाया जा रहा है जमकर जुआं, - पुलिस की कार्रवाई से पहले ही लग जाती है खेलने और खिलाने वालों को भनक

रेहटी। तहसील में चल रहा जुएं का खेल भी अब तोे पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। तहसील मुख्यालय सहित आसपास के गांवों में पुलिस की आंखोें में धूल झोंककर जमकर जुआं खिलाया जा रहा है। हालांकि पुलिस द्वारा जब इन जुआरियोें पर कार्रवाई की तैयारी होती है उससे पहले ही इन तक यह सूचना पहुंच जाती है औैर ये लोग फरार हो जाते हैं।
बुधनी विधानसभा अवैध कार्यों को लेकर ज्यादा चर्चाओं में हैं। हालांकि इन अवैध कार्यों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी ने सभी थाना क्षेत्रों को निर्देेश दिए हैं कि वे अभियान चलाकर अवैध कार्योें में लिप्त लोगों की धड़पकड़ करें। पुलिस द्वारा जुआरियों की धरपकड़ भी की जा रही है, लेकिन पुलिस के हत्थे छोटे-मोटे जुआरी ही हाथ लगते हैं। जो जुआरी लाखों रूपए का जुआं खेलतेे हैं और जो खिलातेे हैैं वे अब तक पुलिस की पकड़ से दूर हैं।
अवैध कार्यों के लिए सबसे सुरक्षित स्थान-
जिस तरह से रेहटी तहसील सहित बुधनी विधानसभा में अवैध कार्यों का संचालन हो रहा है उससे साफ है कि अवैध कार्य करने वाले लोगों के लिए ये क्षेत्र सबसे ज्यादा सुरक्षित स्थान है। दरअसल रेहटी के आसपास के इलाके इन जुआरियों के लिए सबसेे ज्यादा सुरक्षित माने जाते हैं। एक तो यहां से भोपाल के लिए 2-3 रास्ते हैं। दूसरा आसपास जंगल क्षेत्र भी है। जरूरत पड़ने पर ये लोग जंगल के रास्ते भी भाग जातेे हैं तो वहीं भोपाल आना-जाना भी इनके लिए बेहद आसान हो जाता है। बताया जाता है कि ये जुएं का खेल स्थानीय लोगोें की मिलीभगत से ही संचालित किया जाता है। इसके लिए पूरी तरह से सेंटिंग की जाती है और फिर जुआरियों को जुआ खेलने और खिलाने के लिए आमंत्रित किया जाता है।
पहले भी हो चुकी है कई बार कार्रवाई-
दरअसल रेहटी सहित आसपास केे क्षेत्रों में जुआरियोें को लेकर पहले भी कई बार कार्रवाइयां हो चुकी हैं, लेकिन इसकेे बाद भी इस अवैध काम पर अब तक पूरी तरह अंकुश नहीं लग सका है। इस जुएं के खेल में कई लोग पूरी तरह सेे बर्बाद हो गए हैं औैर उन्होेंने अपनी जमीन-जायदाद तक बेच दी है, जबकि खिलाने वालों के वारे-न्यारे हो चुके हैं। यह भी सामने आ रहा है कि जुएं के खेल में जीती गई राशि को बड़े-बड़े सूदखोरों के माध्यम से ब्याज पर भी चलाया जाता है। इन सूदखोरोें द्वारा ब्याज पर दी गई राशि को फिर लोगों से वसूला जाता है।