इंदौर के केंद्रीय विद्यालय कोरोना से अनाथ हुए बच्चों को नि:शुल्क देंगे शिक्षा
इंदौर
जिले में कोरोना महामारी से अनाथ हुए बच्चों को केंद्रीय विद्यालय में दाखिला मिलेगा। उनसे कोई फीस नहीं ली जाएगी। उनकी पढ़ाई नि:शुल्क कराई जाएगी। इन बच्चों की यूनिफार्म और कापी-किताब की व्यवस्था भी जनसहयोग से की जाएगी। दरअसल, केंद्रीय विद्यालय की ओर से कलेक्टर मनीषसिंह द्वारा केंद्र सरकार को भेजे इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने सभी केंद्रीय विद्यालयों को पत्र भेजकर कोरोना महामारी से अनाथ हुए बच्चों को स्कूल में नि:शुल्क दाखिला देने के निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर की अध्यक्षता में हुई इंदौर के केंद्रीय विद्यालय क्रमांक-एक की प्रबंध समिति की बैठक में सरकार के इस निर्णय के बारे में बताया गया। कलेक्टर ने कहा कि कोरोना महामारी से अनाथ हुए बच्चों को इंदौर के केंद्रीय विद्यालय क्रमांक-एक में प्राथमिकता से दाखिला दिलाने के लिए केंद्र सरकार को गत वर्ष पत्र लिखा गया था। केंद्र सरकार ने पूरी सहानुभूति और संवेदनशीलता दिखाते हुए इस प्रस्ताव को मंजूरी दी है। अब इंदौर के केंद्रीय विद्यालय क्रमांक-एक में 20 विद्यार्थियों का नि:शुल्क दाखिला होगा। जिन बच्चों का दाखिला होगा, उनके लिए जन सहयोग से स्कूल यूनिफार्म, कापी-किताबों की व्यवस्था भी की जाएगी।
बैठक में केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य पीके बेदुये सहित प्रबंध समिति के सदस्य मौजूद थे। अनाथ बच्चों के दाखिले की जिम्मेदारी महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को दी गई है। यह दाखिले कलेक्टर की अनुशंसा से कराए जाएंगे। बैठक में केन्द्रीय विद्यालय के कायाकल्प का निर्णय भी किया गया। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के माध्यम से भवन की मरम्मत और रंगाई-पुताई कराई जाएगी। अतिरिक्त कमरों को भी निर्माण कराया जाएगा। कलेक्टर ने इसके लिए भूमि आवंटन के निर्देश भी दिए। स्कूल में खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए शीघ्र की बैडमिंटन और स्क्वाश कोर्ट भी बनाया जाएगा। साथ ही टेबल टेनिस के लिए दो नई टेबलें और अन्य सामग्री खरीदी जाएगी।