सीहोर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर सीहोर जिला मुख्यालय सहित सभी तहसील न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिला न्यायालय में आयोजित नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष आरएन चंद ने किया। श्री चंद ने कहा कि नेशनल लोक अदालत त्वरित एवं सुलभ न्याय का अच्छा अवसर है। लोगों को नेशनल लोक अदालत में आकर इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए।
2132 प्रकरणों का हुआ निराकरण
सिविल प्रकरण में हुआ समझौता-
नेशनल लोक अदालत में एक सिविल प्रकरण व्यवहार वाद क्रमांक 02-ए/21 राजकुमार आदि वि. टीकाराम आदि जो वादी राजकुमार भारती निवासी ब्रहम्पुरी कालोनी सीहोर एवं रंजीत राठौर निवासी राठौर मोहल्ला सीहोर के द्वारा संविदा के विर्निष्ट अनुपालन के लिए रूपए 5 करोड़ 15 लाख रूपए का प्रतिवादीगण टीकाराम व अन्य के विरूद्ध प्रस्तुत किया गया था। इस प्रकरण में प्रधान जिला न्यायाधीश के निर्देश पर वादी तथा प्रतिवादीगण ने स्वेच्छया एवं सहमति तथा न्यायाधीश के अथक प्रयास से राजीनामा किया। राजीनामा के दौरान उभयपक्ष न्यायालय में उपस्थित रहे तथा उन्हें प्रधान जिला न्यायाधीश के द्वारा पौधे भेंट किए गए। वादीगण की ओर से जितेन्द्र व्यास अधिवक्ता ने पैरवी की तथा प्रतिवादीगण की ओर से रवि पारे अधिवक्ता द्वारा पैरवी की गई।
एक करोड़ 14 लाख के सिविल प्रकरण का राजीनामा-
दम्पति ने कहा अब कभी अलग नहीं होंगे हम-
नेशनल लोक अदालत में प्रकरण क्रमांक 145/2021 दीपा वि. राकेश गोरसकर के प्रकरण में आवेदिका दीपा को प्रताड़ित कर तीन माह से छोड़ रखा था, जिससे परेशान होकर उसने कुटुम्ब न्यायालय में भरण-पोषण का केस दर्ज किया। आवेदिका की एक पुत्री दिव्यांका होकर वह अभी वर्तमान में 5 माह की गर्भवती है। प्रकरण में न्यायालय के पीठासीन अधिकारी अनिल कुमार अग्रवाल द्वारा कई बार समझाईश दी जाकर प्रकरण का निराकरण किया गया। राजीनामा होने से दोनों पक्ष खुश हुए। दंपति ने कहा कि वह अब कभी नहीं लड़ेंगे तथा सुखमय दाम्पत्य जीवन व्यतीत करेंगे। इसी प्रकरण क्रमांक 17/2021 केन्द्र वि. प्रियंका के प्रकरण में दोनों का एक पुत्र चंद्रप्रकाश होकर उसकी उम्र 4 वर्ष है। अनावेदिका को आवेदक द्वारा मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना किए जाने से वह अपने मायके में रहने लगी। माह-जनवरी 2021 में आवेदक देवेन्द्र ने कुटुम्ब न्यायालय सीहोर में आवेदन पत्र पेश किया, जिसमें अनिल कुमार अग्रवाल पीठासीन अधिकारी द्वारा दोनों पक्षों को कई बार समझाईश दी जाकर उन्होंने प्रकरण में दोनों पक्षों की आपसी सहमति के आधार पर राजीनामा किया गया। दोनों प्रकरणों में दम्पतियों को भविष्य में अच्छे से रहने की समझाईश दी गई। नेशनल लोक अदालत में भारी संख्या में प्रकरणों के निराकरण में पक्षकारों एवं अभिभाषक की उत्सुकता देखी गई। अधिकांश पक्षकार अपने प्रकरण का निराकरण समझौते के माध्यम से होने से चेहरे पर मुस्कान लेकर बिदा हुए।
सहयोग के लिए दिया प्रशिस्त पत्र-