भोपालमध्य प्रदेश

राजधानी में प्राइवेट हॉस्पिटल से ज्यादा सरकारी में जा रहे मरीज

भोपाल
राजधानी में कोरोना के सेकंड वेव के दौरान बेड वेंटीलेटर नहीं मिल पा रहे थे। मरीजों को स्टेÑचर में लिटाकर  इलाज करना पड़ रहा था। वहीं,अब तीसरी लहर की एंट्री हो चुकी है। केस भी पिछले तीन चार दिनों से 2000 के पार मिल रहे हैं। बावजूद इसके शहर के  सरकारी एवं प्राइवेट अस्पतालों के 90 फीसदी से ज्यादा अस्पताल खाली है, क्योंकि मरीज होम आइसोलेशन में ही रहकर ठीक हो रहे हैं। जो मरीज हॉस्पिटल जा रहे हैं वह प्राइवेट से ज्यादा सरकारी पर भरोसा जता रहे हैं।

बेड खाली होने की ये है वजह
दरअसल जिले में भले ही कोरोना के 12674 पॉजिटिव केस एक्टिव हों,लेकिन इनमें से 12534 मरीज होम आइसोलेशन में रहकर ही अपना इलाज करा रहे हैं। अभी वर्तमान में टोटल 251 मरीज ही शहर के शासकीय एवं निजी अस्पतालों में भर्ती हैं। यानि की शहर के किसी भी बडेÞ अस्पताल में अधिकतम 30 से अधिक मरीज भर्ती नहीं हैं।

जिला प्रशासन ने 131 अस्पतालों को अधिकृत
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार  जिले में कोरोना वायरस के इलाज के लिए जिला प्रशासन ने 131 अस्पतालों को अधिकृत किया है जिनमें शासकीय 19 एवं 114 प्राइवेट दोनों अस्पताल शामिल हैं। इन अस्पतालों में कोई भी कोविड मरीज भर्ती होकर मुख्यमंत्री कोेविड उपचार योजना के अंतर्गत  इलाज करा सकता है। उक्त में से ज्यादातर अस्पतालों में आइसोलेशन, आॅक्सीजन सपोर्टेड एवं रिजर्व आईसीएच/एचडीयू बेड की व्यवस्था की गई है।

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