प्रदेश की राशन दुकानों को MP सरकार बनाएगी हाईटेक

भोपाल
गांव को समृद्धि और गौरव देने के लिए हाट-बाजार और अन्य सुविधाओं को बढ़ावा दे रही राज्य सरकार अब यहां संचालित की जाने वाली राशन दुकानों को हाईटेक बनाने की तैयारी में है। इसके जरिये सरकार इस कोशिश में जुटी है कि सामान्य सेवाओं के लिए लोगों को बीस से पच्चीस किमी दूर तहसील या कस्बे में जाने के बजाय उनके गांव में ही सुविधा मिल सके। इसके लिए एमपीआॅनलाइन और कॉमन सेंटर के जरिये सेवाओं में बढ़ोतरी कर राशन दुकानों में ही सुविधा देने की व्यवस्था की जा रही है।
प्रदेश की राशन दुकानों को हाईटेक बनाने की तैयारी है। इन राशन दुकानों पर अब लोगों को फ्री वाईफाई और वे सभी सुविधाएं मिल सकेंगी जो राज्य सरकार द्वारा एमपी आनलाइन के कियोस्क के जरिये नागरिकों को दी जाती हैं। इसके लिए खाद्य और नागरिक आपूर्ति व उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने एमपी आनलाइन के साथ एग्रीमेंट किया है और इसके क्रियान्वयन के निर्देश कलेक्टरों को दिए हैं। इसके साथ ही भारत सरकार की कॉमन सर्विस सेंटर योजना से भी इन्हें जोड़ा जाएगा।
राज्य सरकार द्वारा ई डिस्ट्रिक्ट के माध्यम से दी जाने वाली सेवाओं को भी इसमें प्रमुखता से शामिल किया गया है। प्रदेश की राशन दुकानों से अब गांवों में रहने वालों के लिए इस तरह की सुविधा दिए जाने की तैयारी है। इसके निर्देश खाद्य व नागरिक आपूर्ति विभाग ने कलेक्टरों को दिए हैं। इसके साथ ही पंचायत और ग्रामीण विकास की सेवाओं के मद्देनजर आधार सेवा और अन्य सुविधाओं के लिए केंद्र सरकार ने कॉमन सर्विस सेंटर के रूप में भी राशन दुकानों को विकसित करने के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि अभी गांवों में लोगों को लोक सेवा गारंटी अधिनियम के दायरे में लाई गई सेवाओं के दस्तावेज और अन्य जानकारी के लिए शहर और तहसील मुख्यालय या एमपी आॅनलाइन के कियोस्क में जाना पड़ता है।
राशन दुकानों में यह सुविधा उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था के बाद लोगों को मूल निवासी प्रमाण पत्र, खसरा-बी 1, सॉल्वेंसी प्रमाण पत्र , आय प्रमाण पत्र, ग्रामीण क्षेत्र के अंतर्गत सामाजिक सुरक्षा पेंशन, व्रुद्धावस्था पेंशन , विधवा पेंशन , बीपीएल राशन कार्ड सेवाओं के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। सरकार लोक सेवा गारंटी में आने वाली सुविधाओं में लगातार वृद्धि कर रही है और धीरे-धीरे राशन दुकानों पर यह सुविधा लोगों को मिलती जाएंगी।
दुकानदारों का मुनाफा ग्राहकों को राहत
सरकार का मानना है कि अभी राशन दुकान संचालक द्वारा महीनों में आठ से दस दिन तक ही दुकानें खोली जाती हैं क्योंकि उसके पास राशन वितरण के अलावा बाकी समय कोई काम नहीं रहता है। ये सेवाएं शुरू होने से उसको कमीशन के रूप में आर्थिक फायदा होने लगेगा और स्थानीय जनों को स्थानीय स्तर पर आधुनिक नागरिक सेवाएं मिलने लगेंगी और उनका दूर दराज तक आने जाने में लगने वाला समय व धन भी बचेगा।
एमपीआॅनलाइन के कियोस्क से बिजली, पानी, मोबाइल व अन्य बिल पेमेंट, तकनीकी और उच्च शिक्षा कॉलेज में प्रवेश के साथ नौकरी में भर्ती प्रक्रिया की काउंसलिंग, ई एडवरटाइजिंग के साथ विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए फार्म भरने समेत अन्य ऐसे काम कराए जाते हैं जो सरकार की नागरिक सेवाओं के दायरे में आते हैं। इसके बदले कियोस्क संचालक नागरिकों से मामूली शुल्क लेते हैं। सरकार इन राशन दुकानों में पांच किलो का गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने के साथ लोगों को बैंकिंग सेवाएं देने के लिए भी काम कर रही है। इसके लिए भी संबंधित एजेंसियों से अनुबंध किया जा रहा है। इसके माध्यम से भी राशन दुकान संचालक आमदनी हासिल करेगा और लोगों को गांवों में सुविधाएं मिल सकेंगी। इससे उचित मूल्य दुकानें आर्थिक रूप से सक्षम होंगी।
भंडारण क्षमता भी बढ़ेगी
राशन दुकानों की भंडारण क्षमता भी बढ़ाई जा रही है और 90 दिन के राशन की भंडारण व्यवस्था पर फोकस किया जा रहा है। इसके लिए प्राइवेट पब्लिक भागीदारी के आधार पर उचित मूल्य दुकान से गोदाम का निर्माण कराए जाने पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। हर विकासखण्ड में सप्लाई केन्द्र बनाकर उन्हें इससे जोड़ा जाएगा। सप्लाई केन्द्र की आवश्यक भंडारण क्षमता का आंकलन और अतिरिक्त भंडारण क्षमता की व्यवस्था की जाएगी।