मध्य प्रदेश

सांसद, विधायक घेराव मामले में गिरफ्तार जयस के प्रदेश संरक्षक डा. अभय ओहरी सहित पांच आरोपितों को जेल भेजा

रतलाम ।    ग्राम धराड़ में रतलाम-झाबुआ संसदीय क्षेत्र से भाजपा सांसद गुमानसिंह डामोर व रतलाम ग्रामीण के विधायक दिलीप मकवाना का घेराव करने के दौरान हुई झूमाझटकी व पत्थरबाजी के मामले में गिरफ्तार जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन (जयस) के प्रदेश संरक्षक डा. अभय ओहरी, रतलाम ग्रामीण अध्यक्ष अनिल निनामा, विलेष खराड़ी, गोपाल वाघेला व इंदौर के आरटीआइ एक्टिविस्ट आनंद राय को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच पुलिस ने मंगलवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे न्यायालय में पेश किया। उनकी तरफ से जमानत के आवेदन पेश किए गए। न्यायालय ने पांचों आरोपितों को जेल भेजने के आदेश दिए। इसके बाद पांचों को जेल भेज दिया गया। उल्लेखनीय है कि जनजातीय गौरव दिवस (भागवान बिरसा मुंडा जयंती) पर मंगलवार को बिलपांक थाना क्षेत्र के ग्राम बड़छापरा में आयोजित भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में शामिल होकर सांसद गुमानसिंह डामोर व रतलाम ग्रामीण के विधायक दिलीप मकवाना रतलाम लौट रहे थे। तभी ग्राम धराड़ में जयस कार्यकर्ता सांसद व विधायक के काफिले के सामने आ गए व रतलाम में निवेश क्षेत्र का विरोध करते हुए नारेबाजी कर घेराव कर दिया था पुलिसकर्मियों ने काफिले को सुरक्षा घेरा देने की कोशिश की थी लेकिन बल कम होने से सांसद-विधायक का वाहन वहां से नहीं निकाल पाए थे। करीब 20 मिनट तक घेराव व नारेबाजी चलती रही। इस दौरान झूमाझटकी की स्थिति बन गई व कुछ लोगों ने पत्थर-बोतल फेंके। कलेक्टर के गनमैन संदीप चंदेल को मामूली चोट आई। कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी ने मोर्चा संभाल कर प्रदर्शनकारियों को समझाइश दी व जैसे-तैसे सांसद-विधायक के काफिले को वहां से निकलवाकर रवाना कराया था। बाद में इस मामले में पुलिस ने जयस नेता डा. अभय ओहरी, आरटीआइ एस्टीविस्ट डा. आनंद राय, अनिल निनानमा, विलेष खराड़ी व गोपाल वाघेला सहित करीब 50 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज किया था। रात में पांचों अारोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया था।

सुबह से बैरिकेट्स लगाए

पांचों आरोपितों को न्यायालय में पेश करने के दौरान कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने व भीड़ आने पर रोकने के लिए पुलिस ने बुधवार सुबह से ही न्यायालाय जाने वाले मार्गों पर बेरिकेट्स लगाकर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। न्यायालय के गेट पर भी पुलिस बल लगाया गया था। इस कारण लोगों को आवागमन में परेशानी का सामान करना पडा व अन्य रास्तों से आवागमन करना पड़ा। दोपहर 3.26 पर पुलिस आरोपितों को अलग-अलग वाहनों में लेकर न्यायालय पहुंची व अजाजजा (अत्याचार निवारण) अधिनियम के विशेष न्याायाधीश डीएस चौहान के समक्ष पेश किया। आरोपितों की तरफ से उनके अभिभाषकों ने जमानत के लिए आवेदन पेश किया। शासन की तरफ से पैरवी करते हुए विशेष लोक अभियोजक नीरज सक्सेना ने तर्क दिया कि प्रकरण अजाजजा (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत पंजीबद्ध है। इस कारण फरियादी को जमानत अावेदन की सुवनाई के पहले सूचना पत्र देना आवश्यक है। न्यायालय ने फरियादी को सूचना पत्र प्रेषित कराने के निर्देश देते हुए सुनवाई के लिए 17 नवंबर की तारीख तय की है। गुरुवार को सुबह 11 बजे सुनवाई शुरू होगी।

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