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एनजीटी ने भी माना, पाल्यूशन फैला रही है जयश्री गायत्री पनीर फैक्ट्री

- एनजीटी में हुई मामले की सुनवाई, जस्टिस एसके सिंह ने की सुनवाई, एडवोकेट आयुष देव वाजपेयी ने रखा किसानों की तरफ से पक्ष

सीहोर. जिला मुख्यालय के नजदीकी ग्राम पिपलियामीरा में चल रही जयश्री गायत्री पनीर फैक्ट्री को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने भी माना है कि पनीर फैक्ट्री पाल्यूशन फैला रही है। फैक्ट्री से निकलने वाले कैमिकल्सयुक्त पानी के कारण जलस्त्रोत खराब हो रहे हैं। इस मामले की सुनवाई गुरुवार को हुई। इसमें किसानों की तरफ से पक्ष एडवोकेट आयुष देव वाजपेयी ने रखा और इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति एसके सिंह ने की। एनजीटी ने इस मामले में मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं विभाग के प्रमुख सचिव, विद्युत वितरण कंपनी के सीएमडी सहित मुख्य सचिव को भी पार्टी बनाया गया है।
एनजीटी में हुई सुनवाई में एडवोकेट आयुष देव वाजपेयी ने पक्ष रखते हुए बताया कि फैक्ट्री से निकलने वाले कैमिकलयुक्त पानी की वजह से नदी की सेहत खराब हो गई है और इसके कारण आसपास के खेतों में लगी फसलें भी खराब हो रही है। फैक्ट्री के जहरीले पानी से यहां के लोग भी बीमार हो रहे हैं और गांव एवं आसपास के गांवों में मवेशी भी बीमार होकर मर रहे हैं। एनजीटी ने मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए इसकी सुनवाई की है, लेकिन फिलहाल इस पर अभी निर्णय नहीं दिया है।
19 जनवरी को हुआ था बंद करने का आदेश-
मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 19 जनवरी को जयश्री गायत्री पनीर फैक्ट्री को बंद करने संबंधी आदेश दिया गया था। आदेश में एमपीईबी को बिजली सप्लाई एवं पीएचई को पानी सप्लाई रोकने के निर्देश भी दिए गए थे, लेकिन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश के लगभग एक माह बाद भी न तो पनीर फैक्ट्री की बिजली सप्लाई रोकी गई है और न ही यहां पर पानी की सप्लाई बंद की गई है। पनीर फैक्ट्री भी लगातार प्रोडक्शन कर रही है। अब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा फैक्ट्री प्रबंधन पर एक करोड़ 24 लाख का एनवायरमेंटल कम्पनशेषन भी लगाया गया है। इसे भी 15 दिनों में जमा करना अनिवार्य है।
इनसे भी होगी पूछताछ-
एनजीटी के जस्टिस एसके सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इस मामले में मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं इसके प्रमुख सचिव, विद्युत वितरण कंपनी के सीएमडी सहित मुख्य सचिव मध्यप्रदेश शासन को भी पार्टी बनाया है। अब इनसे भी जबाव तलब होगा कि जब मामला सबके संज्ञान में था तो इस पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई है। इस मामले में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जब फैक्ट्री को बंद करने के आदेश दिए तो बोर्ड अपने आदेश को पूरा क्यों नहीं करवा पाया। मामला जिला कलेक्टर के संज्ञान में भी था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
इनका कहना है-
जयश्री गायत्री पनीर फैक्ट्री मामले में एनजीटी में सुनवाई हुई है। माननीय न्यायाधीश द्वारा पूरा मामला संज्ञान में लेकर गंभीरतापूर्वक सुना गया है। उन्होंने स्थितियां भी देखी है। फिलहाल मामले में अभी कोई निर्णय नहीं सुनाया गया है।
– आयुष देव वाजपेयी, एडवोकेट, एनजीटी

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