भोपालमध्य प्रदेश

अब सख्त निर्देश, नियमों का हो हर हाल में पालन, डीजीपी के पास नहीं पहुंच रही दया याचिका

भोपाल
पुलिस अफसर और कर्मचारियों की अपील एवं दया याचिका डीजीपी के पास नहीं भेजी जा रही है। इससे डीजीपी विवेक जौहरी ने नाराजगी जताते हुए एडीजी से लेकर डीआईजी तक के ईकाई प्रमुखों को सख्त हिदायत दी है। वहीं पुलिस मुख्यालय की भी कई शाखाएं अपने माध्यम से नियम विरूद्ध तरीके से सीधे डीजीपी तक दया याचिका पहुंचा रही है, इस व्यवस्था से भी डीजीपी नाराज हैं।

डीजीपी विवेक जौहरी ने इस संबंध में जो पत्र अपने अधिनस्थों को लिखा है उसमें उन्होंने कहा है कि ‘पुलिस अधिकारी-कर्मचारी द्वारा प्रस्तुत प्रथम अपील का निराकरण सक्षम अधिकारी द्वारा किये जाने के पश्चात संबंधित अपचारी द्वारा उनसे वरिष्ठ अधिकारी को द्वितीय अपील- दया याचिका प्रस्तुत की जा रही है। इसके संदर्भ में उनके द्वारा अपना अभिमत सहित प्रकरण प्रशासन शाखा पुलिस मुख्यालय की ओर न भेजते हुए स्वयं ही द्वितीय अपील अथवा दया याचिका पर निर्णय लिया जा रहा है। ’ इसके अलावा कुछ ईकाईयों से द्वितीय अपील सीधे डीजीपी को भेजी जा रही है।

जिन पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को विभागीय सजा मिलती है उन्हें अपील करने का अधिकार होता है। वे प्रथम अपील सक्षम अधिकारी के सामने करते हैं। इसके बाद उन्हें द्वितीय अपील या दया याचिका लगाने का भी अधिकार होता है। द्वितीय अपील पर डीजीपी को निर्णय करना होता है। नियमानुसार द्वितीय अपील प्रशासन शाखा के जरिए डीजीपी तक पहुंचती है। इसमें जिस अधिकारी या कर्मचारी ने जहां अपील दी उस पर वहां के संबंधित अफसर अपनी टिप लगाकर प्रशासन शाखा को भेज देते हैं। जहां से डीजीपी के पास अपील को भेजा जाता है।

डीजीपी ने इस पत्र में यह भी कहा है कि जिले और अन्य ईकाई एवं शाखाओं से यह पता चला है कि दया याचिका पुलिस मुख्यालय की अन्य शाखाओं द्वारा सीधे डीजीपी को भेजी जाकर इसका निराकरण करवाया जा रहा है, इसमें आदेश भी जारी किए जा रहे हैं। इससे दोहरी कार्यवाही की संभावना हो सकती है। इससे भी डीजीपी नाराज है। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि नियम अनुसार ही दया याचिका पुलिस मुख्यालय की प्रशासन शाखा के जरिए उनके पास भेजी जाएं।

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