ओमिक्रॉन: वन अधिकारियों का अफ्रीका जाना टला
भोपाल
अफ्रीकी चीतों का मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले के कूनो नेशलन पार्क में आना एक बार फिर टल गया है। इस बार यह रुकावट पैदा की है कोरोना के नये वेरियंट ओमिक्रॉन ने। जिसके कारण दिसंबर में दक्षिण अफ्रीका प्रशिक्षण के लिए जाने वाला मध्यप्रदेश के वन अधिकारियों का दल अब वहां नहीं जा पाएगा। ऐसे में चीतों को लेकर शुरू होने वाली देश की सबसे महत्वकांक्षी वन्यजीव परियोजना एक बार फिर अधर में अटक गई है। दरअसल इस प्रशिक्षण के बाद ही चीतों को मध्यप्रदेश लाया जाता लेकिन फिलहाल ये प्रशिक्षण टाल दिया गया है जिसके कारण चीतों की शिफ्टिंग पर भी ब्रेक लग गया है।
गौरतलब है कि भारत में शून्य हो चुकी चीतों की संख्या को बढ़ाने के लिए दस जोड़ी चीतों को दक्षिण अफ्रीका से लाया जाना है। इन्हें मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में रखा जाएगा। 20 चीतों के रखरखाव की लागत लगभग 75 करोड़ रुपये आंकी गई है।
सुप्रीम कोर्ट के निदेर्शों के बाद भारत सरकार ने नवंबर 2020 में चीता लाना तय किया था। लेकिन ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में अगस्त माह में अतिवृष्टि और बाढ़ से कूनो पालपुर नेशनल पार्क में चीता के लिए बाड़ा तैयार करने का काम प्रभावित हुआ, इसलिए चीते नहीं लाए जा सके। एक बार और अधिकारियों ने लाने की योजना बनाई तो अफ्रीका में भारतवासियों के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए। जब हालात ठीक हुए, तो पहले दल को भेजने की नोटशीट चली। इस दल के साथ केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भी जाने को तैयार हो गए। जिस पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने रोक लगा दी। इसके बाद सूची को संशोधित किया गया। सूची संशोधित हुई और 28 नवंबर को अधिकारियों का जाना तय हुआ। अधिकारी दिल्ली हवाई अड्डे तक पहुंच भी गए थे कि तब तक अफ्रीका में कोरोना के नए वेरियंट की पुष्टि हो गई और दौरा निरस्त करना पड़ा।