हाईकोर्ट में 14 फरवरी से फिजिकल सुनवाई आदेश जारी
जबलपुर
जबलपुर हाईकोर्ट की मुख्यपीठ समेत इंदौर, ग्वालियर और भोपाल खंडपीठ में 14 फरवरी से फिजिकल हियरिंग फिर से शुरू की जाएगी। इसके आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए हाईकोर्ट की स्पेशल कमेटी ने फिजिकल हियरिंग पर रोक लगा दी थी। सुनवाई वर्चुअल हो रही थी। कैंटीन और एसोसिएशन के सभागृह भी खोलने के संबंध में आदेश जारी किए गए हैं।
स्पेशल कमेटी की सिफारिश पर फिजिकल सुनवाई का रास्ता साफ हुआ है। यह जानकारी हाईकोर्ट के प्रिंसिपल रजिस्ट्रार, विजिलेंस प्रमोद कुमार अग्रवाल ने मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ के आदेश पर जारी की।
65 साल और इससे अधिक उम्र के अधिवक्ता और पक्षकार वर्चुअल हियरिंग के लिए आवेदन कर सकते हैं। हाईकोर्ट द्वारा जारी SOP के अनुसार 65 साल से अधिक के अधिवक्ता और पक्षकार को व्यक्तिगत रूप से उपस्थिति के लिए अनुमति लेना होगी। अधिवक्ता निर्धारित काउंटर में भौतिक रूप से फाइलिंग कर सकते हैं। दस्तावेज व आवेदन ड्रॉप बॉक्स में डालना होगा। पहले से लंबित मामलों की शीघ्र सुनवाई के लिए अधिवक्ता आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। हाईकोर्ट में पक्षकार को आने की इजाजत होगी।
ई-फाइलिंग की व्यवस्था पहले की तरह रहेगी
फिजिकल हियरिंग के लिए महाधिवक्ता कार्यालय सरकारी वकीलों और पैनल लॉयर्स की संबंधित कोर्ट में ड्यूटी तय करेगा। फाइनल हियरिंग के मामले हर बुधवार और गुरुवार को सवा दो बजे से सुने जाएंगे। केस और दस्तावेज जमा करने के लिए ई-फाइलिंग की व्यवस्था पहले की तरह बरकरार रहेगी। मेंशन मेमो सवा 10 से सवा 11 बजे तक ड्रॉप बॉक्स में डाले जा सकेंगे। कोविड गाइडलाइन का पालन करना होगा।
6 जनवरी से शुरू हुई थी वर्चुअल सुनवाई
कोविड की तीसरी लहर के खतरे के मद्देनजर 6 जनवरी, 2022 से हाईकोर्ट की मुख्यपीठ जबलपुर और खंडपीठ इंदौर व ग्वालियर में वर्चुअल सुनवाई शुरू की गई थी। इसके लिए मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ ने वर्चुअल मीटिंग ली थी। कोरोना के खतरे को देखते हुए अधिवक्ता भी वर्चुअल हियरिंग के पक्ष में थे। कोविड का खतरा कम होने के साथ ही अधिवक्ता समुदाय भौतिक सुनवाई पर बल देने लगा था। डेमोक्रेटिक लॉयर्स फोरम के सचिव रविंद्र गुप्ता ने इस सिलसिले में दो बार मुख्य न्यायाधीश को ज्ञापन भी सौंपा था।