ग्वालियरमध्य प्रदेश

प्रयागराज से ललितपुर के बीच सी प्लेन की बनी योजना, केन्द्रीय टीम करेगी परीक्षण

छतरपुर
केन बेतवा लिंक परियोजना से बेतवा का जल बढऩे के साथ ही गंगा से बेतवा के बीच सी प्लेन चलाने की योजना भी बनाई जा रही है। उत्तरप्रदेश के सिंचाई विभाग ने प्रयागराज से ललितपुर के बीच सी प्लेन की फिजिवल रिपोर्ट उड्डयन मंत्रालय को भेजी है। विभाग ने अपनी रिपोर्ट में माताटीला बांध की लंबाई को रनवे के लिए पर्याप्त बताते हुए सी-प्लेन की उड़ान के लिए उपयोगी बताया है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के उड़ान 3.0 के जरिए पर्यटन मंत्रालय के समन्वय से पर्यटक एवं धार्मिक शहरों को आपस में जोडऩे की योजना है। इसके लिए जलीय हवाई अड्डा बनाने की योजना को लेकर प्रस्ताव भेजा गया है।

एक माह पहले नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने प्रयागराज से बरुआसागर एवं प्रयागराज से ललितपुर के बीच दो हवाई मार्ग सुझाते हुए रिपोर्ट मांगी थी। अफसरों का कहना है कि सी-प्लेन उड़ाने के लिए 1.08 मीटर पानी की गहराई के साथ 120 मीटर चौड़ी सतह जरूरी होती है। रनवे के लिए 1160 मीटर लंबी दूरी तक पानी भी होना चाहिए। सिंचाई विभाग को इन शर्तों को पूरा करने वाले बांध अथवा नदी का स्थान तलाशने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उड्डयन मंत्रालय के सुझाए रास्ते के आधार पर झांसी एवं ललितपुर में तलाश शुरू हुई। झांसी में बरुआसागर एवं पारीछा वीयर इसकी कसौटी में खरे नहीं उतरे। ललितपुर में राजघाट के साथ माताटीला बांध इसकी कसौटी में खरे उतरे। वहीं, प्रयागराज से उड़ान के लिए गंगा-यमुना के संगम के समीप अरैल घाट से पास स्थान चिन्हित किया गया है।

25 यात्री हो सकेंगे सवार
सी प्लेन एक विशेष प्रकार का हवाई जहाज होता है, जिसे उड़ान भरने के लिए रन वे की आवश्यकता नहीं पड़ती। इसके साथ यह प्लेन पानी में टेक ऑफ एवं लैडिंग कर सकता है। इसकी खासियत यह होती है कि यह प्लेन खेत एवं सड़क पर भी विषम परिस्थितियों में उतर सकता है। इसको उड़ान भरने के लिए सिर्फ फ्लोटिंग जेट्टी की जरूरत होती है। प्लेन में पायलट समेत कुल 25 यात्री सफर कर सकते हैं। प्लेन की अधिकतम स्पीड करीब 350 किमी प्रति घंटे होती है। सी-प्लेन प्रोजेक्ट शुरु होने से प्रयागराज की आठ घंटे की दूरी महज एक घंटे में तय हो सकेगी। सिंचाई विभाग के अफसरों का कहना है कि बड़ी संख्या में बुंदेलखंड से लोग हाईकोर्ट, माध्यामिक शिक्षा परिषद समेत अन्य कार्यालयों में जाते हैं। धार्मिक अनुष्ठान कराने के लिए भी बड़ी संख्या में लोग बुंदेलखंड से प्रयागराज जाते हैं। इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सकेगा।

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